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...और जब SSP ने फरियादी को बना दिया ट्रैफिक सीओ, 2 घंटे में सुधार दी अव्यवस्था

फिरोजाबाद के एसएसपी सचिंद्र पटेल ने कहा कि सोनू ने दो घंटे में वह कर दिखाया, जो हमारी यातायात पुलिस नहीं कर पाई.

Updated on: 19 Feb 2020, 05:21 PM

फिरोजाबाद:

हिंदी फिल्म 'नायक' तो आपको याद ही होगा. फिल्म में एक दिन के मुख्यमंत्री अनिल कपूर ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर कानून का राज कायम किया था. ठीक उसी प्रकार का नजारा मंगलवार को फिरोजाबाद (Firozabad) जिले के टूंडला कस्बे में देखने को मिला, जब यातायात अव्यवस्था की फरियाद लेकर पहुंचे युवक को ही एसएसपी ने दो घंटे का 'ट्रैफिक सीओ' बना दिया. 

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हुआ कुछ यूं कि मंगलवार को टूंडला तहसील परिसर में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में अलाबलपुर का युवक सोनू चौहान (28) अक्सर सड़क पर लगने वाले जाम से छुटकारा दिलाने की फरियाद लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश हुआ. उसने अपनी शिकायत में कहा कि आड़ा-तिरछा खड़े हो रहे वाहनों से जाम लग जाता है और एंबुलेंस तक नहीं गुजर पाती. इस पर एसएसपी सचिंद्र पटेल ने कहा, 'यदि ट्रैफिक संभालने की जिम्मेदारी तुम्हें दे दी जाए तो तुम क्या करोगे?' युवक ने पहले तो अपने सुझाव दिए, फिर कहा, 'मैं एक दिन में व्यवस्था दुरुस्त कर दूंगा.'

युवक का इतना कहना था कि एसएसपी ने उसे तुरंत दो घंटे का 'ट्रैफिक सीओ' नियुक्त कर मातहतों को दो घंटे तक युवक के सभी आदेश मानने का हुक्म सुना दिया. बस, युवक पुलिस की जीप में बतौर यातायात उपाधीक्षक (सीओ) सवार हुआ और कोतवाल व अन्य उपनिरीक्षकों के साथ सुभाष चौराहा पहुंचकर उसने फिल्म 'नायक' के एक दिन के मुख्यमंत्री अनिल कपूर की तरह ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी. आगरा से एटा जाने वाली बसों को सड़क से बस स्टैंड के अंदर करवाया और दोनों ओर लगे ठेलों और रेहड़ी को व्यवस्थित कर दो घंटे के कार्यकाल में चरमराई यातायात व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त कर दी. इस बीच यातायात नियम तोड़ने वाले आधा दर्जन से ज्यादा वाहनों का चालान भी काटा गया.

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फिरोजाबाद के एसएसपी सचिंद्र पटेल ने बुधवार को कहा, 'सोनू ने दो घंटे में वह कर दिखाया, जो हमारी यातायात पुलिस नहीं कर पाई. अब पुलिस में सोनू की कार्यक्षमता की छाप उतारी जाएगी और उससे मिले तजुर्बे के अनुसार यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखी जाएगी.' इस बारे में सोनू का कहना है कि अपने दो घंटे के कार्यकाल में उसने यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करवाया है, और यदि पुलिस नियमों को ईमानदारी से लागू करे तो जाम लगने का सवाल ही नहीं उठता.