CAA हिंसा में पुलिस ने ऐसे शख्स को नोटिस भेजा, जिसकी 6 साल पहले मौत हो चुकी है

नागरिकता संशोधन कानून का हिंसक विरोध करने वालों पर लगाम लगाने के मकसद से यूपी पुलिस ऐसे लोगों को नोटिस भेज रही है. जिनसे शांति भंग का खतरा है. लेकिन अब पुलिस के द्वारा की जा रही ये कार्रवाई सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है.

नागरिकता संशोधन कानून का हिंसक विरोध करने वालों पर लगाम लगाने के मकसद से यूपी पुलिस ऐसे लोगों को नोटिस भेज रही है. जिनसे शांति भंग का खतरा है. लेकिन अब पुलिस के द्वारा की जा रही ये कार्रवाई सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है.

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Yogendra Mishra
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Delhi Protest

सीएए के दौरान हुआ प्रदर्शन।( Photo Credit : फाइल फोटो)

नागरिकता संशोधन कानून का हिंसक विरोध करने वालों पर लगाम लगाने के मकसद से यूपी पुलिस ऐसे लोगों को नोटिस भेज रही है. जिनसे शांति भंग का खतरा है. लेकिन अब पुलिस के द्वारा की जा रही ये कार्रवाई सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है. जनसत्ता डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को नोटिस भेज दिया है. जिसकी मौत छह साल पहले हो गई थी. ये शख्स हैं फिरोजाबाद के बन्ने खां, जिनकी मौत 6 साल पहले हो गई थी. जब पुलिस का नोटिस उनके परिवार वालों को मिला तो हड़कंप मच गया.

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पूरा मामला सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन का है. फिरोजाबाद में शांति भंग न हो इसके लिए यूपी पुलिस ने करीब 200 लोगों की पहचान की थी और उन्हें नोटिस भेजा था. इन्हीं 200 लोगों में बन्ने खां का नाम भी पुलिस ने जोड़ दिया. जो छह साल पहले ही गुजर गए थे. नोटिस में कहा गया है कि बन्ने खां को सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना होगा और 10 लाख रुपये का मुचलका भर कर जमानत लेनी होगी.

अब पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं. विपक्षी दलों ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. पुलिस का कहना है कि क्या पुलिस सच में संदिग्धों की पहचान कर रही है या किसी को भी नोटिस भेज दे रही है. फिलहाल इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.

जानकारी के मुताबिक, फिरोजाबाद पुलिस की लिस्ट में बन्ने खां के अलावा 90 साल के सूफी संत अंसार हुसैन और फसाहत मीर खां का भी नाम शामिल किया गया है.

Source : News Nation Bureau

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