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शाह ने कहा- आतंकवाद की पनाहगार आजमगढ़ की भूमि अब बनेगी मां सरस्वती का धाम

अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में अमित शाह ने कहा कि "लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है जब प्रशासन की भाषा, स्वभाषा हो, राजभाषा हो.

Updated on: 13 Nov 2021, 07:38 PM

highlights

  • नई शिक्षा नीति में राजभाषा और मातृभाषा पर बल दिया गया है
  • 2017 में अपने घोषणा पत्र में कहा था कि 10 नए विश्वविद्यालय बनाएंगे
  • आज 10 विश्वविद्यालय बनाने का काम पूरा हो चुका है

 

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह शनिवार को उत्तर प्रदेश में विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल हुए. सबसे पहले वह वाराणसी में "अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन" के कार्यक्रम में शिरकत किया. इसके बाद वह आजमगढ़ और फिर बस्ती में जनसभाओं को संबोधित किया. जब तक देश के प्रशासन की भाषा, स्वभाषा नहीं होगी, तब तक लोकतंत्र सफल हो ही नहीं सकता. अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में अमित शाह ने कहा कि "लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है जब प्रशासन की भाषा, स्वभाषा हो, राजभाषा हो. हिंदी और हमारी सभी स्थानीय भाषाओं के बीच कोई अंतरविरोध नहीं है."

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में राजभाषा और मातृभाषा को प्रमुख स्थान दिया गया है. शाह ने कहा कि, "देश की नई शिक्षा नीति का एक प्रमुख बिंदु है, भाषाओं का संरक्षण व संवर्धन और राजभाषा का भी संरक्षण व संवर्धन. नई शिक्षा नीति में राजभाषा और मातृभाषा पर बल दिया गया है. प्रधानमंत्री जी ने ये जो नया परिवर्तन किया है, वो भारत के भविष्य को परिवर्तित करने वाला होगा."

गृह मंत्रालय में  हिंदी के प्रयोग पर उन्होंने कहा कि, "मैं गौरव के साथ कहना चाहता हूं कि आज गृह मंत्रालय में अब एक भी फाइल ऐसी नहीं है, जो अंग्रेजी में लिखी जाती या पढ़ी जाती है, पूर्णतय: हमने राजभाषा को स्वीकार किया है. बहुत सारे विभाग भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं."

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उन्होंने कहा कि, "दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली लिपिबद्ध भाषाएं भारत में हैं. उन्हें हमें आगे बढ़ाना है। भाषा जितनी सशक्त और समृद्ध होगी, उतनी ही संस्कृति व सभ्यता विस्तृत और सशक्त होगी. अपनी भाषा से लगाव और अपनी भाषा के उपयोग में कभी भी शर्म मत कीजिए, ये गौरव का विषय है. जो देश अपनी भाषा खो देता है, वो देश अपनी सभ्यता, संस्कृति और अपने मौलिक चिंतन को भी खो देता है. जो देश अपने मौलिक चिंतन को खो देते हैं वो दुनिया को आगे बढ़ाने में योगदान नहीं कर सकते हैं।"

हिंदी भाषा को लेखर उठने वाले विवाद पर गृहमंत्री ने कहा कि पहले हिंदी भाषा के लिए बहुत सारे विवाद खड़े करने का प्रयास किया गया था, लेकिन वो वक्त अब समाप्त हो गया है.

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जी ने गौरव के साथ हमारी भाषाओं को दुनिया भर में प्रतिस्थापित करने का काम किया है. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत में देश के सभी लोगों का आह्वान करना चाहता हूं कि स्वभाषा के लिए हमारा एक लक्ष्य जो छूट गया था, हम उसका स्मरण करें और उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं.

वाराणसी के बाद पूर्वांचल के आजमगढ़ में एक सभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 5 साल के अंदर यूपी में योगीजी ने बहुत परिवर्तन किया है. यहां पहले जातिवाद परिवारवाद और तुष्टिकरण का राज था जिसे खत्म करने का काम योगीजी ने किया. सबसे बड़ा काम यूपी में माफियाराज से मुक्ति दिलाने का काम हुआ है. यूपी में डिफेंस के कई कारखाने खुलने जा रहे हैं. 

चुनावी मौसम आने पर अखिलेश को जिन्ना बड़े महान दिख रहे है. योगी सरकार को एक सर्टिफिकेट देना चाहता हूं कि इन्होंने पूर्वांचल को मच्छर और माफिया से मुक्त कर दिया है.

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शाह ने कहा कि आपने मोदीजी को 2 बार पूर्ण बहुमत वाला पीएम बनाया. सपा कांग्रेस कहते थे कि मन्दिर वही बनाएंगे पर समय नही बताएंगे पर आपने मोदीजी को अधिकार दिया तो अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनना शुरू हो गया.

अमित शाह ने कहा कि 3 चुनावों में आज़मगढ़ से बीजेपी को विधानसभा में सीटें नही मिली लेकिन अब योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनने के लिए सभी सीटों को जिताइये. इस बार यूपी में 300 पार वाली सीटें जिताईये. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सुशासन और सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास की नीति से देश के हर वर्ग के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है.

उन्होंने कहा हमने 2017 में अपने घोषणा पत्र में कहा था कि 10 नए विश्वविद्यालय बनाएंगे. आज 10 विश्वविद्यालय बनाने का काम पूरा हो चुका है. हमने 40 मेडिकल कॉलेज बनाने का हमने वादा किया था, ये वादा भी हमने पूरा किया है. आज आजमगढ़ में विश्वविद्यालय का शिलान्यास हो रहा है.

जिस आजमगढ़ को सपा शासन में दुनिया भर में कट्टरवादी सोच और आतंकवाद की पनाहगार के रूप में जाता था, उसी आजमगढ़ की भूमि पर आज मां सरस्वती का धाम बनाने का काम होने जा रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने आज़मगढ़ में बनने वाले विश्वविद्यालय का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम से करने की घोषणा की.