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बिल्डरों और फ्लैट मालिकों के विवादों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला

हाई कोर्ट ने कहा एक गजटेड अधिकारी छह माह में अपार्टमेंट में जाकर लोगों की शिकायतों का निवारण करेगा. इसके अलावा हाई कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि दोनो पक्षों की बातों को सुनने के बाद ही अंतिम आदेश जारी किए जाएं.

Updated on: 13 Jan 2021, 11:39 PM

नई दिल्ली :

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिल्डरों और फ्लैट स्वामियों के विवाद को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने बिल्डरों व फ्लैट स्वामियों के विवाद तीन माह में हल करने का सामान्य आदेश जारी किया है. हाई कोर्ट ने प्राधिकारियों को आदेश के पालन करने का दिया निर्देश, उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट व औद्योगिक एरिया विकास प्राधिकरण के सक्षम प्राधिकारियों के लिए जारी किया गया सामान्य आदेश

हाई कोर्ट ने कहा एक गजटेड अधिकारी छह माह में अपार्टमेंट में जाकर लोगों की शिकायतों का निवारण करेगा. इसके अलावा हाई कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि दोनो पक्षों की बातों को सुनने के बाद ही अंतिम आदेश जारी किए जाएं. कोर्ट ने कहा कि अधिकारी की निष्क्रियता, कर्तव्य पालन में लापरवाही उचित नहीं है. ऐसे मामलों में कोई भी लापरवाही सरकारी हस्तक्षेप को आमंत्रित करने वाली मानी जायेगी.

कोर्ट ने महानिबंधक को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रति प्रमुख सचिव शहरी विकास को भेजने का आदेश दिया, ताकि वह संबंधित अधिकारियों को परिपत्र जारी कर निर्देशित कर सके. शिप्रा श्रिष्टी अपार्टमेंट की ओर से दाखिल याचिका जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने ये आदेश जारी किए.