चौपहिया वाहनों में फास्टैग (Fast Tag) लगवाने को लेकर केंद्र की एक और योजना तैयारी के अभाव में अव्यवस्था का शिकार होती दिख रही है. कैश लेन में लगने वाला अतिरिक्त समय व संभावित दो गुने टोल की दहशत का फायदा उठाते हुए यूपी के बहराइच के कैसरगंज टोल प्लाजा पर मौजूद दलालों ने कभी पेटीएम तो कभी एन.एच.ए.आई. के नाम पर अवैध वसूली शुरू कर दी है. एक वॉलेट कंपनी के दलाल से कैसरगंज टोल प्लाजा पर कुछ दिन पूर्व अवैध वसूली को लेकर जनता से हुयी कथित हाथापाई के बाद टोल प्लाजा प्रबंधन ने फास्टैग एप का दूसरा दलाल सेंटर पर बिठाकर वसूली शुरू कर दी है.
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केंद्र सरकार ने 15 दिसम्बर से सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया था. लेकिन तैयारी पूरी न होने व जनता के संभावित विरोध के कारण कैश लेन पर दुगना टोल वसूली कुछ दिनों के लिए स्थगित की गयी है. फास्टैग लगवाने के लिए सरकार द्वारा फास्टैग एप, पेटीएम, एक्सिस बैंक व एचडीएफसी बैंक सहित तमाम एजेंसियों को अधिकृत किया गया है.
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फास्टैग लगवाने के लिए चौपहिया वाहन स्वामियों को एंड्रायड अथवा आईफोन टेक्नोलॉजी से युक्त होने की अनिवार्यता बताई जा रही है. जानकारी के अभाव में वाहन स्वामी एनएचएआई टोल प्लाजा पर मौजूद कर्मियों से जानकारी करते हैं तो वे उन्हें गुमराह कर उनसे अवैध वसूली कर रहे हैं.
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21 दिसम्बर को कैसरगंज टोल प्लाजा पर मौजूद सौरभ नाम का एक दलाल टोल प्लाजा के एक सुरक्षा कर्मी की मदद से प्रति फास्टैग 100 रूपये की नगद अवैध वसूली कर रहा था. जबकि उक्त फास्टैग एप पहले ही दो सौ रूपये सर्विस चार्ज काट ले रहा है.
टोल प्लाजा प्रबंधन भी इन दलालों को पूरी सुविधा देकर यह साबित करने की चेष्टा में लगा है जैसे वो दलाल सीधे एनएचएआई के ही कर्मचारी हैं. फिलहाल एनएचएआई की फास्टैग योजना भले ही विदेशी स्मार्ट कल्चर का एहसास दिला रही हो लेकिन यहाँ नदी किनारे लहरें गिनने के नाम पर भी वसूली करने में सक्षम दलाल केंद्र सरकार की योजना पर बट्टा लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
Source : News Nation Bureau