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क्वारेंटाइन में रखे मजदूरों को खाना न मिला तो प्रधान को जेल भेजा गया

श्रावस्ती जिले के जमुनहा विकास खंड के विकास अधिकारी जितेन्द्र नाथ दुबे ने बुधवार को बताया कि विकास खंड अंतर्गत ओदाही ग्राम पंचायत के एक स्कूल में बनाए गए पृथक केंद्र में बाहर से आए कामगारों को रखा गया है.

Updated on: 08 Apr 2020, 12:27 PM

श्रावस्ती:

कोरोना वायरस को लेकर बरती जा रही सतर्कता के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश में श्रावस्ती जिले के एक गांव में पृथक वास में रखे गए 18 मजदूरों को तीन दिन तक खाना न मिलने पर ग्राम प्रधान को जेल भेज दिया गया है तथा ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया है. श्रावस्ती जिले के जमुनहा विकास खंड के विकास अधिकारी जितेन्द्र नाथ दुबे ने बुधवार को बताया कि विकास खंड अंतर्गत ओदाही ग्राम पंचायत के एक स्कूल में बनाए गए पृथक केंद्र में बाहर से आए कामगारों को रखा गया है.

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उन्होंने बताया कि छह अप्रैल को श्रावस्ती की जिलाधिकारी यशु रुस्तगी द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के दौरान उक्त केंद्र में रह रहे लोगों ने शिकायत की कि उन्हें बीते तीन दिन से भोजन नहीं दिया गया है. मामले की जांच हुई तो पता चला कि दो अप्रैल को 16 कामगारों, तीन अप्रैल को 17 और चार अप्रैल को 18 कामगारों को चाय नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराने की बात कागजों में तो दर्ज है, लेकिन वास्तव मेँ इन्हें भोजन दिया नहीं जा रहा था. अधिकारी ने बताया कि ग्राम प्रधान को प्रथम दृष्टया पृथक रखे गए लोगों के भोजन के लिए राशि प्राप्त करने के वास्ते कागजों में हेराफेरी करने की साजिश और आपदा प्रबंधन के काम में बाधा डालने का दोषी पाया गया है.

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उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर ग्राम प्रधान बलिराम के खिलाफ थाना मल्हीपुर में मामला दर्ज कर मंगलवार को उसे जेल भेज दिया गया. साथ ही ग्राम सचिव नानबाबू को निलंबित कर उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. जिलाधिकारी यशु रुस्तगी ने कहा है कि पृथक केंद्रों में रखे गए लोगों के भोजन-पानी की व्यवस्था के साथ कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.