बाजार जा रही पत्नी को रास्ते में रोककर पति ने बोला तीन तलाक, फिर हुआ ऐसा

मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 के तहत तीन तलाक को अपराध के अंतर्गत रखा गया है, लेकिन इसके बावजूद इसके लागू होने से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में तीन तलाक के मामलों कमी नहीं आई है.

मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 के तहत तीन तलाक को अपराध के अंतर्गत रखा गया है, लेकिन इसके बावजूद इसके लागू होने से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में तीन तलाक के मामलों कमी नहीं आई है.

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Dalchand Kumar
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बाजार जा रही पत्नी को रास्ते में रोककर पति ने बोला तीन तलाक, फिर हुआ ऐसा

फाइल फोटो

मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 के तहत तीन तलाक को अपराध के अंतर्गत रखा गया है, लेकिन इसके बावजूद इसके लागू होने से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में तीन तलाक के मामलों कमी नहीं आई है. हालिया हफ्तों में राज्य में ऐसे मामलों में तेजी आई है. इससे जुड़ा एक और ताजा मामला अब उन्नाव से सामने आया है, जहां पति ने पत्नी को तीन तलाक दिया है.

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मिली जानकारी के मुताबिक, उन्नाव के फतेहपुर चौरासी थाना क्षेत्र के सैंता गांव में पति ने बाजार जा रही पत्नी को रास्ते में रोककर तीन तलाक दिया. बाजार से वापस आकर पीड़ित पत्नी ने परिजनों को तीन तलाक की बात बताई. पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है. फिलहाल महिला की शिकायत पर आरोपी पति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है.

इससे पहले शामली जिले की एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति ने इस महीने की शुरुआत में उसे फोन पर तीन तलाक दिया था. पीड़िता ने कहा, 'मेरे पति ने मुझे फोन पर तीन तलाक दिया. मेरे पास यह साबित करने के लिए उसकी कॉल रिकॉर्डिंग है. मुझे न्याय चाहिए. अगर मुझे न्याय नहीं दिया गया तो मैं खुद को खत्म कर दूंगी.'

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एक अन्य घटना में एक महिला ने दावा किया है कि उसके पति ने इस महीने की शुरुआत में एटा में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अदालत के परिसर के अंदर तीन तलाक दिया था. दंपति एक मामले को लेकर अदालत में आए थे. इसी तरह हापुड़ जिले में भी एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति ने उसकी दहेज की मांगों को पूरा करने में असमर्थ होने पर उसे तीन तलाक दे दिया.

गौरतलब है कि 1 अगस्त को लागू हुए कानून के अनुसार, एक बार में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल की सजा हो सकती है. तब से राज्य भर में कानून का उल्लंघन कर तीन तलाक के तीन दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. पुलिस को सूचित किए गए मामलों में कार्रवाई भी धीमी रही है.

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