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कानपुर से उज्जैन ऐसे पहुंचा था विकास दुबे, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

कानपुर के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या के बाद फरार चल रहे 5 लाख के मोस्टवांटेड विकास दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है.

Updated on: 09 Jul 2020, 04:21 PM

लखनऊ:

कानपुर के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या के बाद फरार चल रहे 5 लाख के मोस्टवांटेड विकास दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है. इतनी बड़ी वारदात के बाद यूपी पुलिस की 100 से ज्यादा टीमें विकास दुबे को तलाश रही थीं, लेकिन विकास दुबे की महाकाल मंदिर में बेहद नाटकीय ढंग से हुई गिरफ्तारी पूरे पुलिस सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रही है.

यूपी पुलिस का इतना लंबा चौड़ा अमला आखिर विकास दुबे को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाया?. विकास कैसे इन छह दिनों में कई राज्यों की सीमाएं नापता रहा? विकास की गिरफ्तारी के बाद यह सवाल और जोर पकड़ रहे हैं.

वारदात के बाद दो दिन कानपुर में ही रहा था विकास

वारदात के बाद ही घर के पीछे खड़ी बाइक से भागा विकास दुबे दो दिनों तक कानपुर में ही शिवली में ही दोस्त के घर ठहरा रहा, लेकिन यूपी एसटीएफ और 40 थानों की पुलिस उसका कोई सुराग नहीं लगा सकी. इसके बाद विकास दूबे कानपुर से 92 किमी दूरी तयकर औरैया पहुंचा, जहां वह मौरंग लदे ट्रक में सवार हो गया था, ताकि उसका पुलिस से सामना न हो सके.

इसके बाद विकास दुबे 385 किमी की दूरी तयकर फरीदाबाद पहुंच गया. सोमवार की दोपहर 3:19 बजे उसकी आखिरी लोकेशन फरीदाबाद मिली थी. पुलिस टीम कई राज्यों में विकास की तलाश का दावा कर रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिली.

फरीदाबाद से 773 किमी दूर उज्जैन कैसे पहुंचा

विकास फरीदाबाद में एक सीसीटीवी फुटेज में नजर आया था, लेकिन उसके 17 घंटे बाद वह गुरुवार सुबह 8:45 बजे 773 किमी दूर उज्जैन में पकड़ा गया. कानपुर से फरीदाबाद और उज्जैन तक उसने करीब 1250 किमी की दूरी तय की. लेकिन इस बीच पुलिस उसे तलाश नहीं सकी. सवाल यह भी उठता है कि कोरोना की वजह से इस समय पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से चालू नहीं है तो विकास कैसे एक राज्य से दूसरे राज्य में जा रहा था.

ये बड़ा सवाल है कि क्या विकास को कोई गाड़ी उपलब्ध थी?, जिससे वह फरीदाबाद से उज्जैन 17 घंटों में पहुंच जाता है. इन सवालों के जवाब पुलिस के पास नहीं है, लेकिन विकास की मध्य प्रदेश में नाटकीय गिरफ्तारी पुलिस के पूरे तंत्र को कठघरे में खड़ा कर रही है. दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा बॉर्डर पर सघन तलाशी का दावा क्या सिर्फ हवा हवाई था?. इसके अलावा जिस तरह से उज्जैन में विकास की नाटकीय गिरफ्तारी हुई उसके सियासी संरक्षण की बात और पुख्ता हो रही है.