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प्रयागराज में होली की शुरुआत अनूठी हथौड़ा बारात निकाले जाने की परंपरा, सड़कों पर हुजूम निकला 

प्रयागराज में होली की शुरुआती अनूठी हथौड़ा बारात निकालने की परंपरा होती है. सड़कों लोग निकलते हैं और जमकर होती है आतिशबाजी

Updated on: 24 Mar 2024, 07:55 PM

नई दिल्ली:

प्रयागराज में होली की शुरुआत अनूठी हथौड़ा बारात निकाले जाने की परम्परा के साथ होती है. अल्हड़पन और मस्ती में सराबोर इस अनूठी बारात में दूल्हा एक हथौड़े को बनाया जाता है तो बाराती के तौर पर सिर पर लाल पगड़ी बांधे सैकड़ों हुलियारों की टोली ढोल- नगाड़ों और बैंड बाजों की धुन पर झूमती- नाचती हुई इसमें शामिल होती है. हाथी- घोड़ों के साथ ही बिजली की रंगीन रोशनियों और आतिशबाजी के बीच इस साल की हथौड़ा बारात भी पूरी शानो- शौकत के साथ निकाली गई. इक्कीस तोपों की सलामी के बीच निकाली गई इस अनूठी बारात को देखने के लिए शहर की सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. 

सबसे पहले दूल्हे राजा यानी हथौड़े को सजाया गया

होली की मस्ती के जितने रंग हैं, उतनी ही अलग व अनूठी हैं इसको मनाने की परम्पराएं. होली के रंगों को और चटख करती इन्ही परम्पराओं में एक हैं संगम नगरी प्रयागराज के हुलियारों की अनूठी हथौड़ा बारात. सदियों से चली आ रही परम्पराओं के मुताबिक प्रयागराज में होली के आगाज़ के एलान के लिए इस बार भी हथौड़े की बारात पुराने ख़ास अंदाज़ में पूरी शानो- शौकत के साथ निकाली गई. इस बारात के लिए सबसे पहले दूल्हे राजा यानी हथौड़े को सजाया गया. किसी की नज़र न लगे, इसलिए दूल्हे राजा की नज़र उतारी गयी, काला टीका लगाया गया और फिर शहर की मेयर अभिलाषा गुप्ता व दूसरे मेहमानों ने उसकी आरती की. घंटों संजने सँवरने के बाद  दूल्हे राजा बैंड बाजे और डी. जे. की धुनों के बीच पूरी शान से शहर की सड़कों पर निकले. आगे- आगे हाथी-घोड़े ख़ास अंदाज़ वाली इस शाही शादी की अगुआई कर रहे थे तो बिजली की रंगीन रोशनियां और भव्य आतिशबाजी इस बारात में चार चाँद लगा रहे थे.

हथौड़ा बारात में भी वही भव्यता नजर आई

सिर पर लाल पगड़ी बांध बाराती बने सैकड़ों हुलियारों की टोली ढोल- नगाड़ों व बैंड बाजों पर थिरकती हुई मस्ती के अलग ही रंग बिखेर रही थी. इस बार की हथौड़ा बारात में भी वही भव्यता नज़र आई, जो किसी शाही शादी में देखने को मिलती है. ख़ास होलियाना मूड में सराबोर बरातियों का स्वागत सब्जियों की माला के साथ किया गया तो इस बार हथौड़े की शादी बेटियों की इज़्ज़त से खिलवाड़ करने वाले दरिंदों के पुतले के साथ कराई गई, ताकि हथौड़ा अपने वार से उनका खात्मा कर सके.