संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ज्ञानी पुरोहित तैयार करने की रणनीति बना रहा है. उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने आईएएनएस को बताया कि देववाणी संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संस्कृत की शिक्षा लेने वाले छात्रों को प्रशिक्षित कर उन्हें अच्छी पुरोहिती का ज्ञान दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें- बुलंदशहर हिंसा: इंस्पेक्टर सुबोध की पत्नी बोलीं, 'मेरी और मेरे बच्चों की हो सकती है हत्या'
उन्होंने बताया कि पुरोहित न केवल कर्मकांड के मर्मज्ञ होंगे, बल्कि ज्योतिष, वास्तु और योग में भी इन्हें परांगत किया जाएगा. अभी शुरू में लखनऊ, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, बरेली और सहारनपुर मंडल में तीन महीने के पुरोहित प्रशिक्षण शिविर के लिए आवेदन मांगे गए हैं.
यह भी पढ़ें- लखनऊ : हिंदू देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट करने पर रियल एस्टेट एजेंट गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि संस्थान ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रशिक्षण को फिलहाल दस मंडलों से आवेदन मांगे हैं. इसके बाद केंद्र प्रदेश के हर जिले में खुलेंगे. केंद्र युवाओं को सात कर्म कौशलों में प्रशिक्षित करेगा.
डॉ. मिश्रा ने बताया, "इस शिविर में प्रशिक्षित पुरोहित आगे चलकर शिक्षण कार्य करेंगे. जब इन पुरोहितों की संख्या पर्याप्त हो जाएगी तो यह आगे चलकर एक केंद्र खोलेंगे, जिसमें कर्मकांड, वास्तु, ज्योतिष, योग, कंप्यूटर, अंग्रेजी और संस्कृत का प्रशिक्षण दिया जाएगा."
यह भी पढ़ें- जेल में नया कुर्ता-पजामा नहीं मिला तो शख्स ने अपनी पत्नी कहा-तलाक,तलाक और तलाक
उन्होंने बताया, "केंद्रों में आगे आने वाले समय में एक, तीन और छह माह के कोर्स भी चलाए जाएंगे. इससे वैदिक संस्कार, ज्योतिष और वास्तु के मर्मज्ञ पुरोहित तैयार होंगे. केंद्रों से प्रशिक्षित और निर्धारित परीक्षा में उत्तीर्ण पुरोहितों की पूरी सूची सार्वजनिक रहेगी. आम लोग भी इन पुरोहितों को अपने यहां बुलाकर धार्मिक कार्य करा सकेंगे. इससे हमारी भाषा भी मजबूत होगी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा."
Source : आईएएनएस