दिल्ली में हुई हिंसा (Delhi Violence) की घटनाओं के बाद पुलिस ने अलीगढ़ में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं और पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है. हालांकि मंगलवार को किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद सुरक्षा व्यवस्था और अधिक सख्त कर दी गई है. हालांकि मंगलवार को शहर के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील इलाकों में निगरानी रखी जा रही है. कोतवाली इलाके के अपर कोट इलाके और सिविल लाइंस इलाके के जीवनगढ़ में अधिकतर दुकानें बंद हैं.
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दोधपुर और अमीरनिशान इलाके में दुकानें आज खुली हैं, लेकिन सन्नाटा छाया हुआ है. गौरतलब है कि पुलिस ने रविवार को अपर कोट क्षेत्र में महिला प्रदर्शनकारियों को यह कहते हुए रोकने की कोशिश की कि ईदगाह इलाके में सीएए के खिलाफ पिछले शनिवार से ही प्रदर्शन चल रहा है. ऐसे में प्रदर्शनकारियों को कोतवाली के नजदीक प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती.
शहर मुफ्ती अब्दुल खालिद समेत मुस्लिम वर्ग के प्रबुद्ध लोगों की मदद से हालात को संभालने की कोशिश की जा रही थी, तभी भीड़ में से किसी ने पथराव शुरू कर दिया. उसके बाद स्थिति बिगड़ने लगी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज ने मंगलवार को बताया कि हिंसा की घटना में 350 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
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यह सभी मामले कोतवाली, दिल्ली गेट और सिविल लाइन्स इलाके के थानों में दर्ज किए गए हैं. जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है जो चौबीसों घंटे स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. इस बीच एएमयू के कुलपति प्रो तारिक मंसूर ने बयान जारी कर कहा कि हम माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों का पूर्णतया पालन करेंगे.