काशी विश्वनाथ, मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद पर इलाहबाद HC में आज सुनवाई
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणासी की तरफ से अपर जिला जज वाराणसी के आदेश को इलाहबाद हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया कर रहे हैं.
नई दिल्ली :
वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित भगवान विश्वेश्वरनाथ मंदिर-मस्जिद विवाद की सुनवाई आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में होगी. इसके पहले 20 को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने अपने आदेश को संशोधित करते हुए कहा था कि अंतरिम आदेश जारी किए गए हैं इस मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी को की जाएगी. आपको बता दें कि न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की एकल न्यायाधीश पीठ अपर जिला न्यायाधीश वाराणसी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है.
आपको बता दें कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणासी की तरफ से अपर जिला जज वाराणसी के आदेश को इलाहबाद हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया कर रहे हैं. 20 जनवरी को हो रही सुनवाई के दौरान समय कम होने की वजह से ये सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. इस याचिका में वाराणसी में दाखिल स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर के सिविलवाद को उपासनास्थल (विशेष उपबंध) कानून 1991 की धारा-4 से बाधित मानते हुए निरस्त करने की मांग की गई है.
अवैध निर्माण हटाकर मंदिर के पुनःनिर्माण की मांग
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर से ये बयान जारी किया गया है कि मंदिर के तहखाने और आस-पास के इलाकों में लगातार पूजा-अर्चना की जा रही है इसलिए यहां से इस अवैध निर्माण को हटाकर मंदिर का पुनःनिर्माण करने की अनुमति देते हुए मंदिर के खिलाफ दायर की गई याचिका को एक सिरे से नकारते हुए खारिज कर दी जाए. साथ ही याचिका में वाराणसी के भगवान विश्वेश्वर की उपनिवेश (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की धारा 4 के उल्लंघन के रूप में दायर की गई नागरिकता को रद्द करने की मांग की गई जिसके लिए आज इलाहाबाद हाई कोर्ट सुनवाई करेगा.
ये है पूरा मामला
इस मामले के मुताबिक 18 अक्टूबर साल 1991 को स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी सिविल वाद दायर किया गया. आपको बता दें कि इस वाद में तहखाने के ऊपर निर्माण सहित पुराने मंदिर के हिस्से और नौबतखाना को भगवान विश्वेश्वरनाथ की संपत्ति घोषित करने, हिंदुओं को मंदिर का पुनरुद्धार करने का अनुमति देने तथा मंदिर भूमि पर मुस्लिम समुदाय के कब्जे को अवैध घोषित करने की मांग की गई है. साथ ही अवैध निर्माण हटाकर वादी को कब्जा सौंपा जाए और सेवा, पूजा, राज भोग में हस्तक्षेप पर स्थायी रोक लगायी जाए.
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