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CM योगी के खिलाफ याचिका पर इलाहाबाद HC में सुनवाई टली, वजह आई सामने

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ परिवार दर्ज किये जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज सुनवाई होनी थी, लेकिन वो टल गई. अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी, क्योंकि याचिकाकर्ता के वकील का वकालतनामा ही पत्रावली पर मौजूद नहीं था. यही वजह है कि जब हाई कोर्ट में इस मामले का नंबर...

Updated on: 14 Sep 2022, 08:05 PM

highlights

  • योगी आदित्यनाथ के खिलाफ याचिका पर नहीं हुई सुनवाई
  • 27 सितंबर को मिली अगली तारीख, कागज पूरे करने के निर्देश
  • वकील का वकालतनामा ही याचिका के साथ नहीं था नत्थी

प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ परिवार दर्ज किये जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज सुनवाई होनी थी, लेकिन वो टल गई. अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी, क्योंकि याचिकाकर्ता के वकील का वकालतनामा ही पत्रावली पर मौजूद नहीं था. यही वजह है कि जब हाई कोर्ट में इस मामले का नंबर आने से पहले ही उसे लिस्टिंग से हटाना पड़ा और उस पर नई तारीख मिल गई. बता दें कि कोर्ट में किसी भी मामले की सुनवाई बिना वकालतनामा लगे नहीं होती है. ये कोर्ट का प्रोसीजर है. हालांकि चुनिंदा मामलों में ऐसा न करने की छूट थी, लेकिन उसके लिए अपना पक्ष रख रहे व्यक्ति का हलफनामा लगा होना जरूरी होता था. 

योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ये है याचिका

पूरा मामला भाषण से धार्मिक आस्था और भावनाओं को ठेस पहुंचाने का था. जिसे लेकर मई जिले के नवल किशोर शर्मा ने याचिका दाखिल की थी. इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का आदेश देने के अपील की गई है. जानकारी के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के अलवर में कथित तौर पर भावनाओं को भड़काने वाला भाषण दिया था, जिस पर कार्रवाई करने के लिए शिकायत दर्ज हो, ऐसा आदेश हाई कोर्ट दे... की याचिका लेकर नवल किशोर शर्मा हाई कोर्ट पहुंचे थे. पहले उन्होंने ये याचिका व्यक्तिगत रूप से दाखिल की थी, लेकिन बाद में वकील रख लिया था. इन सब के बीच वकील का वकालतनामा ही फाइल में नहीं लगा था, जोकि अनिवार्य शर्त होती है. 

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27 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

ऐसे में न्यायमूर्ति समित गोपाल की कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 सितंबर का दिन तय किया है. और याचिकाकर्ता को निर्देश दिये हैं कि वो अपनी तरफ से कागजी कार्रवाई पूरी करके आए. इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम ए के सण्ड ने पक्ष रखा.