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Hathras Stampede ( Photo Credit : Social Media)
Hathras Stampede: हाथरस की सिकंदराराऊ तहसील के फुलरई गांव में बीते मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. अब सत्संग के लिए लोगों की परमिशन और उनके इंतजाम से जुड़ा नया खुलासा हुआ है. दरअसल, भोले बाबा के सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की प्रशासन से परमिशन मांगी गई थी, लेकिन आयोजनकर्ताओं ने इंतजाम सिर्फ 60 हजार लोगों के लिए ही कराया था. ये खुलासा भोले बाबा के सत्संग के लिए टेंट लगाने वाले राज कपूर ने किया है. बता दें कि हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में अब तक 123 लोगों की मौत हो चुकी है.
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भोले बाबा के सत्संग में पहुंचे ढाई लाख लोग
राजू कपूर ने एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि सत्संग आयोजित करने वाली कमेटी ने 80,000 लोगों की परमिशन ली थी, लेकिन इसके लिए उन्होंने टेंट सिर्फ 60 हजार लोगों की क्षमता वाला ही लगवाया था. यही नहीं 80 हजार की परमिशन मिलने के बाद सत्संग में ढाई लाख लोग पहुंच गए. टेंट मालिक राज कपूर के मुताबिक, सत्संग के लिए उन्होंने 300 फीट लंबा और 300 फीट चौड़ा टेंट लगाया था. इस टेंट को लगाने का ठेका 4.70 लाख रुपये में दिया गया था, इसमें से उन्हें तीन लाख रुपये का पेमेंट कर दिया गया, लेकिन अभी भी 1.70 लाख रुपये का पेमेंट बाकी है.
दो दर्जन पुलिसकर्मी संभाल रहे थे व्यवस्था
वहीं टेंट मालिक ने भोले बाबा के सत्संग के दौरान व्यवस्था संभालने पहुंचे पुलिसकर्मियों के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मौके पर सिर्फ 20 से 25 पुलिस वाले ही मौजूद थे, जो सड़क पर ट्रैफिक संभाल रहे थे. यही नहीं सत्संग के दौरान पंडाल में मोबाइल ले जाने पर पूरी तरह से पाबंदी थी. यही नहीं कोई भी सत्संग के दौरान वीडियो नहीं बना सकता था. अगर कोई वीडियो बनाता तो सेवादार उसे सख्ती से मना करते थे.
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टेंट मालिक के मुताबिक, पिछले साल नवंबर से लेकर अब तक बदायूं, मैनपुरी, भोगांव, राजस्थान के धौलपुर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर, मैनपुरी के बिछवा के बाद हाथरस के मुगलगढी में सत्संग का आयोजन हुआ था. भोले बाबा के हर सत्संग में क्षमता से अधिक भीड़ पहुंची. उन्होंने बताया कि बाबा ने हर जिले के लिए अलग कमेटी बना रखी है. ये कमेटी ही हर आयोजन का पेमेंट करती है.
पुलिस की नौकरी छोड़ करने लगे सत्संग
बता दें कि भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है. वह उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के बहादुरनगर गांव के रहने वाले हैं. पहले वह पुलिस में थे लेकिन पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने सत्संग करना शुरू कर दिया था. शुरुआत में वह आगरा में सत्संग करते थे जहां केदार नगर कॉलोनी में उनका घर है. इसी घर से उन्होंने प्रवचन देने की शुरुआत की थी. उनकी कोई संतान नहीं है. वह एससी समुदाय से आते हैं. अपने पैतृक गांव बहादुरनगर में आश्रम बनाने के बाद भोले बाबा गरीबों और वंचित वर्गों के बीच काफी प्रसिद्ध हो गए. अब उनके लाखों की संख्या में अनुयायी हैं.
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Source : News Nation Bureau