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हाथरस कांड में HC ने प्रशासन को लगाई फटकार, 2 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

Hathras Case: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और मौत के मामले की सुनवाई सोमवार को हुई.

Updated on: 12 Oct 2020, 05:00 PM

नई दिल्‍ली:

Hathras Case: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और मौत के मामले की सुनवाई सोमवार को हुई. इस दौरान पीड़िता के परिजन और हाथरस के डीएम और एसपी अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. हाईकोर्ट में आज की सुनवाई पूरी हो गई है. इस दौरान हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है. अब इस मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी. 

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोर्ट ने पीड़ित पक्ष के सदस्यों की बातें सुनीं. कोर्ट ने शासन के अधिकारियों और डीएम हाथरस से सवाल किए. सरकार की तरफ से AAG विनोद शाही ने विस्तृत जवाब दिया है. इससे पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पीड़िता के माता-पिता समेत पांच परिजन लखनऊ पहुंचे और कोर्ट में अपनी बातें रखीं.

पीड़िता परिवार के पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि सरकारी पक्ष ने अपनी बात कहने के लिए और वक्त मांगा है, जिसके बाद दो नवंबर की तारीख दी गई है. सीमा कुशवाहा ने कहा कि कोर्ट ने ADG LO को उस बयान के लिए भी फटकार लगाई, जिसमें ADG LO ने कहा था कि पीड़िता के साथ रेप नहीं हुआ था, क्योंकि प्राइवेट पार्ट में स्पर्म नहीं मिले थे. 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस कांड का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में आला अधिकारियों को गत एक अक्टूबर को तलब किया था. न्यायालय ने गत एक अक्टूबर को घटना के बारे में बयान देने के लिए मृत पीड़िता के परिजनों को बुलाया था. एक अक्टूबर को न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक हाथरस को घटना के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए 12 अक्टूबर को अदालत में तलब किया था.

गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र में 19 साल की एक दलित लड़की से अगड़ी जाति के चार युवकों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था. इस घटना के बाद हालत खराब होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां गत 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गई थी. इस घटना को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर जबरदस्त हमला बोला था.