logo-image

हाथरस: परिवार के विरोध के बाद भी पुलिस ने आधी रात में ही करा दिया युवती का अंतिम संस्कार

परिजन हिंदू धर्म की रीति के अनुसार इस समय अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुए. पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें काफी मनाने का प्रयास किया गया. लेकिन परिजन अपनी बात पर अडिग रहे.

Updated on: 30 Sep 2020, 08:31 AM

highlights

  • 14 सितंबर को हुआ था युवती के साथ गैंगरेप
  • अब तक पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया
  • मामले को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन

हाथरस:

हाथरस की सामूहिक-दुष्कर्म पीड़िता युवती का पुलिस ने जबरन अंतिम संस्कार करवा दिया है. परिजनों और गांवों वालों के भारी विरोध के बीच देर रात लगभग डेढ़ बजे मृतक युवती का शव उसके गांव बूलगढ़ी पहुंचा, जहां पुलिस प्रशासन द्वारा पहले से ही उसके अंतिम संस्कार की तैयारी करके रखी गई थी. लेकिन परिजन हिंदू धर्म की रीति के अनुसार इस समय अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुए. पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें काफी मनाने का प्रयास किया गया. लेकिन परिजन अपनी बात पर अडिग रहे.

यह भी पढ़ें: हाथरस रेप और हत्‍याकांड पर विराट कोहली ने ट्विट कर कही ये बड़ी बात

युवती की मां हाथ जोड़कर अधिकारियों से गुहार लगाती रही कि उसकी बेटी का भोर के समय अंतिम संस्कार किया जाए, लेकिन अधिकारियों के सामने उसकी एक न चली और अधिकारियों द्वारा परिजनों को दरकिनार कर युवती के शव को जबरन श्मशान घाट ले जाया गया, जहां आनन-फानन में पुलिस कर्मियों द्वारा चिता सजाकर युवती के शव का दाह संस्कार कर दिया गया.

श्मशान घाट पर परिजनों के साथ मीडियाकर्मियों को भी पुलिस अधिकारियों ने नहीं जाने दिया. बाद में प्रशासन का दावा था कि परिजनों की सहमति और उनके सहयोग से युवती के शव का अंतिम संस्कार किया गया है. जब इस बारे में युवती के परिजनों से बात की गई तो उनका कहना है कि उनकी बेटी के अंतिम संस्कार के वक्त पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें घर के अंदर बंद कर दिया गया था. उन्हें यह तक नहीं मालूम कि पुलिस ने किस के शव का अंतिम संस्कार किया है.

यह भी पढ़ें: हाथरस गैंगरेप को लेकर महिला कांग्रेस ने दिल्ली में किया हल्ला बोल प्रदर्शन

ज्ञात हो कि 14 सितंबर को युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया गया था. इसके बाद आरोपियों ने उस पर जानलेवा हमला भी किया था. यह घटना चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में हुई. सोमवार को हालत बेहद गंभीर होने पर उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हालांकि मौत से पहले पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में कहा था कि चार युवकों ने उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर उसका गला घोंटने की कोशिश की थी.

पीड़िता ने चारों आरोपियों की पहचान संदीप, रामू, लवकुश और रवि के रूप में की थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि संदीप को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में रामू और लवकुश को भी गिरफ्तार किया गया और शनिवार को चौथे आरोपी रवि को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. चारों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है.

यह भी पढ़ें: सुशांत मामले में नाम आने पर अरबाज खान ने दायर किया मानहानि का केस

गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उसके साथ हुई बर्बरता को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है. ग्रामीणों के अलावा तमाम राजनीतिक दल इस गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. जबकि तमाम फिल्मी हस्तियां और खेल जगत की हस्तियां भी इस मामले की निंदा कर रही हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के परिवारवालों को 10 लाख रुपए की मदद की घोषणा की है.