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हाथरस कांड: फिर से गरमा रही सियासत, भारी पुलिस बल तैनात, जानिए क्या कुछ चल रहा

राष्ट्रीय करणी सेना आरोपियों के समर्थन में खड़ी नजर आ रही है. शुक्रवार को राष्ट्रीय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत तमाम नेता हाथरस पहुंचे और आरोपियों के परिजनों से मुलाकात की.

Updated on: 26 Dec 2020, 10:42 AM

हाथरस:

उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय एक दलित लड़की से कथित सामूहिक दुष्कर्म और नृशंस हत्या के मामले में सियासत अभी भी जारी है. इस प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने के बाद से राजनीति और गरमाती जा रही है. राष्ट्रीय करणी सेना आरोपियों के समर्थन में खड़ी नजर आ रही है. शुक्रवार को राष्ट्रीय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत तमाम नेता हाथरस पहुंचे और आरोपियों के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान पीड़िता के गांव में भारी पुलिस बल तैनात रहा. जिसके बाद से एक बार फिर यहां गहमा गहमी का माहौल बन गया है.

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इससे पहले गुरुवार को भी करणी सेना के नेता गांव में पहुंचे थे, हालांक पुलिस ने इन्हें अपनी हिरासत में ले लिया था. लेकिन शुक्रवार को राष्ट्रीय करणी सेना भारत के अध्यक्ष समेत तमाम नेता आरोपियों के परिजनों से मिलने के लिए आ गए. जैसे ही पुलिस प्रशासन को इसकी भनक लगी, उसने तुरंत इन नेताओं को सादाबाद की सीमा पर रोक लिया. काफी देर तक बातचीत के बाद राष्ट्रीय करणी सेना के नेताओं को गांव जाने की अनुमति दे दी गई.

बूलगढ़ी गांव में आरोपी पक्ष के परिवार वालों से मिलने पहुंचे राष्ट्रीय करणी सेना के नेताओं में अध्यक्ष वीर प्रताप सिंह के अलावा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सनी सिंह, राष्ट्रीय संरक्षक धीरेंद्र सिंह, प्रदेश सचिव श्रवण सिंह हंटर शामिल थे. पुलिस ने राष्ट्रीय करणी सेना (भारत) के वीर प्रताप उर्फ वीरू सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी गाड़ी में बिठा कर बूलगढ़ी गांव में आरोपी के परिवार वालों से मुलाकात कराई.

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करणी सेना के पदाधिकारियों ने आरोपियों के परिजनों से मिलकर उनका हाल जाना. उनके काफी देर तक उनसे बातचीत की. इस दौरान आरोपी के परिवार वालों ने कहा कि हमारे चारों बेटे निर्दोष हैं उन्हें गलत फंसाया जा रहा है. बूलगढ़ी गांव में आरोपियों के परिवार वालों से मुलाकात कराते समय मौके पर हाथरस ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा व सादाबाद सीओ ब्रह्म सिंह और हाथरस के कई आला अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान बूलगढ़ी गांव के बाहर पीएसी और पुलिस बल तैनात रहा. 

उल्लेखनीय है कि इस साल 14 सितंबर को हाथरस में ऊंची जाति के चार पुरुषों ने कथित तौर पर दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और बेरहमी से पिटाई की. इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में युवती की मौत हो गई. मामले को पहले नजरअंदाज किए जाने और फिर लड़की की मौत के बाद परिवार की मंजूरी लिए बिना डीएम के आदेश पर रात में पुलिस द्वारा उसका दाह संस्कार कर दिए जाने से पूरे देश में गुस्सा फैल गया था. बीते दिनों सीबीआई ने कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें रेप की बात कही गई थी.