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सांकेतिक तस्वीर Photograph: (social)
Hapur: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के सरधना क्षेत्र के गांव ददायरा में एक बड़ा राशन घोटाला सामने आया है. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के कोटेदार और ग्राम सचिव मिलकर मृतकों के नाम पर सालों से राशन निकालकर बेच रहे हैं. इस घोटाले की जानकारी सामने आने के बाद ग्रामीणों ने जिला पूर्ति अधिकारी (डीएसओ) को ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की.
ये है पूरा मामला
ग्रामीण धर्मेंद्र शर्मा और सुंदर सिंह के नेतृत्व में दर्जनों लोग डीएसओ डॉ. सीमा बालियान से मिले और सबूतों के तौर पर कुछ दस्तावेज भी सौंपे. ग्रामीणों का कहना है कि जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम अब भी राशन कार्ड पर दर्ज हैं और उन्हीं के नाम पर हर महीने राशन निकाला जा रहा है. इतना ही नहीं, मृतक व्यक्तियों के नाम को कभी अन्य परिवारों के कार्ड से जोड़ दिया जाता है, तो कभी पेंशन लेने वालों को किसी और का पुत्र दिखाकर फर्जी एंट्री कर दी जाती है.
ऐसे ब्लैक बेचा जाता है माल
ग्रामीणों ने बताया कि कोटेदार मृतक के परिजनों को अपनी दुकान पर बुलाकर अंगूठा लगवाता है और झांसा देकर उनके नाम पर निकलने वाला राशन ब्लैक में बेच देता है. आरोप है कि यह खेल वर्षों से चल रहा है. जांच के दौरान यह भी सामने आया कि पांच साल पहले जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम से भी राशन उठाया जा रहा है.
ये है मृतकों के परिवार का आरोप
ग्रामीण माया देवी (मृत्यु 17 मार्च 2019), धर्मवीर सिंह (मृत्यु 21 दिसंबर 2023) और यशवीर शर्मा (मृत्यु 2 जून 2024) के नाम अब भी राशन कार्ड पर सक्रिय हैं और उनके नाम से नियमित रूप से खाद्यान्न उठाया जा रहा है. मृतकों के परिवार वालों का आरोप है कि शिकायत करने के बावजूद अधिकारियों ने उनके कार्ड से मृतक यूनिट हटाने की प्रक्रिया पूरी नहीं की.
ग्रामीणों ने यह भी खुलासा किया कि इसी तरह की कालाबाजारी के चलते संबंधित कोटेदार की दुकान पहले भी निलंबित की जा चुकी है, लेकिन कुछ समय बाद उसे फिर से कोटा आवंटित कर दिया गया.
जांच समिति का गठन
इस पूरे मामले में जिला पूर्ति अधिकारी डॉ. सीमा बालियान ने मीडिया को बताया कि शिकायत मिलते ही जिलाधिकारी के निर्देश पर एक जांच समिति गठित कर दी गई है. यह टीम गांव के प्रत्येक राशन कार्ड का सत्यापन करेगी और एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ग्रामीणों का कहना है कि यह घोटाला केवल ददायरा गांव तक सीमित नहीं है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी ऐसी गड़बड़ी होने की आशंका है. फिलहाल सभी की निगाहें जांच टीम की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह साफ होगा कि गरीबों का राशन कितने बड़े पैमाने पर हजम किया गया है.
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