इसरो ने चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण किया. इससे जहां पूरे देश में खुशी की लहर है. वहीं चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर आईआईटी (IIT) कानपुर के वैज्ञानिकों में भी उत्साह है. यहां के 2 वैज्ञानिकों ने चांद पर लैंडिंग करने वाले लूनर रोवर को डिजायन कर इसके मोशन प्लानिंग की तकनीक इसरो से साझा की है. न्यूज स्टेट के संवाददाता ने वैज्ञानिकों में से एक प्रोफेसर आशीष दत्ता से बातचीत की.
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने सोमवार को एक नया मुकाम हासिल किया है. आईआईटी कानपुर ने चंद्रयान-2 को लॉन्च करने में इसरो की काफी मदद की है. चंद्रयान -2 के लिए मैप और रास्ता दिखाने के लिए प्रोजेक्ट बनाया था. आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने बनाकर इसरो को दिया है. प्रोफेसर आशीष दत्ता न बताया है कि अंतरिक्ष परियोजना चंद्रयान-2 के चांद पर पहुंचते ही मोशन प्लानिंग का काम शुरू हो जाएगा.
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प्रोफेसर आशीष दत्ता ने बताया कि चंद्रयान 2 में आइआइटी कानपुर में तैयार दो प्रमुख प्रणालिया हैं. इसका मैप जनरेशन और पाथ प्लानिंग का सिस्टम यहां पर तैयार किया गया है. इसके लिए आइआइटी कानपुर तथा इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइगेशन) के बीच करार हुआ था. हमने सब-सिस्टम, सॉफ्टवेयर और एल्गोरिथम विकास के लिए एओयू पर हस्ताक्षर किया था.
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उन्होंने बताया कि चंद्रयान-2 के अहम पार्ट्स आईआईटी कानपुर की टीम ने बनाया है. इसमें अहम मॉड्यूल रोवर को कंट्रोल करने के लिए मोशन प्लानिंग पर आईआईटी के सीनियर प्रोफेसर्स ने काम किया है. भारत चंद्रमा की सतह के कई रहस्यों को सुलझाने के लिए भारत अपने दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 को रवाना कर दिया है.
HIGHLIGHTS
- चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर कानपुर में खुशी की लहर
- आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने दिया ये योगदान
- इतिहास रचने में आईआईटी कानपुर ने की मदद