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ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने एएसआई के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की

दायर याचिका में प्रबंधन समिति ने कहा है कि इस आदेश को बिना किसी नियम के अवैध ढंग से पारित किया गया है. इस बीच, सुन्नी वक्फ बोर्ड के द्वारा भी मंगलवार को वाराणसी अदालत के दिए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर की जाएगी.

Updated on: 13 Apr 2021, 11:02 AM

लखनऊ:

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक तत्काल याचिका दायर कर वाराणसी की एक स्थानीय अदालत द्वारा 8 अप्रैल को सुनाए गए उस फैसले पर रोक लगाने की मांग की है, जिसके तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा पूरे परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण किए जाने की अनुमति दी गई है. सोमवार को दायर अपनी याचिका में प्रबंधन समिति ने कहा है कि इस आदेश को बिना किसी नियम के अवैध ढंग से पारित किया गया है. इस बीच, सुन्नी वक्फ बोर्ड के द्वारा भी मंगलवार को वाराणसी अदालत के दिए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर की जाएगी.

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वरिष्ठ अधिवक्ता फरमान अहमद नकवी और सैयद अहमद फैजान द्वारा दायर अंजुमन इंतेजामिया की याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत ने उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 और सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 की संपूर्ण लिखित प्रस्तुतियों और प्रयोज्यता को अनदेखा कर दिया है. अंजुमन इंतेजामिया के वकील फरमान अहमद नकवी ने कहा, "हमने याचिका दायर की है और अदालत से अनुरोध किया है कि वह तत्काल प्रभाव से इस पर सुनवाई करें क्योंकि मामला गंभीर है." याचिका में कहा गया है कि इस मामले पर इलाहाबाद कोर्ट का फैसला पहले से ही सुरक्षित है, लेकिन वाराणसी की अदालत विपरीत पक्ष की बातों को सुन रही है.

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काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में 8 अप्रैल के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामले (Kashi Vishwanath-Gyanvapi case) में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पुरातत्व विभाग को जांच करने का आदेश दिया है.  पुरातत्व विभाग की जांच के लिए काशी विश्वनाथ की ओर से याचिका दी गई थी. इस याचिका पर हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने आज काशी विश्वनाथ पक्षकारों की याचिका को स्वीकार करते हुए पुरातत्व विभाग को जांच सौंप दी है. जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस फैसले को काशी विश्वनाथ की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. खास बात यह है कि पिछले दो वर्षों से भी ज्यादा वक्त से पूरे ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र के पुरातात्विक सर्वे की मांग करने वाले प्रार्थना पर फैसला अचानक तेजी से सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपने ट्रांसफर होने के ठीक पहले सुनवाई के दौरान दिया है. कोर्ट ने वादी काशी विश्वनाथ मंदिर पक्ष की ओर से 1991 से चल रहे इस मामले में दिसंबर 2019 को पुरातात्विक सर्वे की मांग को स्वीकार करते हुए पूरे ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र का पुरातात्विक सर्वे का आदेश दिया.