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ज्ञानवापी मामला : इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने  जिला अदालत के आदेश को दी हाईकोर्ट में चुनौती

इंतजामिया मसाजिद कमेटी वाराणसी ने  याचिका दाखिल कर जिला जज द्वारा पारित 12 सितंबर 2022 के आदेश को चुनौती दी है.

Updated on: 15 Oct 2022, 08:37 PM

प्रयागराज:

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज करने को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. जिसकी सुनवाई अगले हफ्ते हो सकती है. जिला जज वाराणसी ने हिन्दू महिलाओं की श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति की अर्जी खारिज कर मुकद्दमे की सुनवाई का आदेश दिया है. मुस्लिम पक्ष ने मुकद्दमे की ग्राह्यता पर आपत्ति की थी.  

इंतजामिया मसाजिद कमेटी वाराणसी ने  याचिका दाखिल कर जिला जज द्वारा पारित 12 सितंबर 2022 के आदेश को चुनौती दी है. राखी सिंह व कई अन्य महिलाओं ने जिला जज वाराणसी की कोर्ट में वाद दायर कर ज्ञानवापी परिसर में विवादित मस्जिद के बाहरी हिस्से में स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना किए जाने की मांग की है. 
मुस्लिम पक्ष की तरफ से  कहा गया था कि यह वाद सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के तहत सुनवाई लायक नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए. जिला जज ने मुस्लिम पक्ष की तरफ से उठाई गई आपत्ति  खारिज कर दी थी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की सुनवाई वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में चल रही है. मुस्लिम पक्ष की आपत्ति पर महीनों चली सुनवाई के बाद जिला जज की कोर्ट ने अगस्त महीने में अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था. जिला जज एके विश्वेश की कोर्ट ने 12 सितंबर को अपना फैसला सुनाया था. जिला जज ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज करते हुए राखी सिंह केस को चलते रहने की इजाजत दी थी.

हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुस्लिम ने एक बार फिर दोहराया गया है के 1991 के प्लेसेज आफ वर्शिप एक्ट के तहत इस मामले की सुनवाई नहीं की जा सकती है. अर्जी में हाईकोर्ट का फैसला आने तक वाराणसी की अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाए जाने की भी मांग की गई है. ज्ञानवापी विवाद से जुड़े पांच मामले पहले से ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है. हालांकि राखी सिंह का केस पहली बार हाईकोर्ट आया है.