Gyanvapi case: हाईकोर्ट ने एएसआई को जवाब दाखिल करने का दिया आखिरी मौका

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक को अपने पहले के आदेश का पालन करने और वाराणसी की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद द्वारा दायर याचिका के जवाब में जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया है. ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति-ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई 31 अक्टूबर तक होगी. कानूनी सेवा समिति, इलाहाबाद में 10,000 रुपये के भुगतान के अधीन अदालत द्वारा अनुमति दी गई थी. उच्च न्यायालय ने कहा कि, राशि को लिस्टिंग की अगली तारीख पर या 31 अक्टूबर तक तय किया जाना चाहिए.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक को अपने पहले के आदेश का पालन करने और वाराणसी की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद द्वारा दायर याचिका के जवाब में जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया है. ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति-ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई 31 अक्टूबर तक होगी. कानूनी सेवा समिति, इलाहाबाद में 10,000 रुपये के भुगतान के अधीन अदालत द्वारा अनुमति दी गई थी. उच्च न्यायालय ने कहा कि, राशि को लिस्टिंग की अगली तारीख पर या 31 अक्टूबर तक तय किया जाना चाहिए.

author-image
IANS
New Update
Allahabad High court

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक को अपने पहले के आदेश का पालन करने और वाराणसी की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद द्वारा दायर याचिका के जवाब में जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया है. ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति-ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई 31 अक्टूबर तक होगी. कानूनी सेवा समिति, इलाहाबाद में 10,000 रुपये के भुगतान के अधीन अदालत द्वारा अनुमति दी गई थी. उच्च न्यायालय ने कहा कि, राशि को लिस्टिंग की अगली तारीख पर या 31 अक्टूबर तक तय किया जाना चाहिए.

Advertisment

एआईएम द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने कहा, आज (मंगलवार को), जब मामला उठाया गया, तो एएसआई के वकील की सहायता से भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजीआई) की ओर से एक अनुरोध किया गया था. जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए कम से कम छह सप्ताह का और समय देने के लिए.

उच्च न्यायालय ने जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए और समय देते हुए कहा, चूंकि दीवानी अदालत के समक्ष लंबित दीवानी मुकदमा, वाराणसी वर्ष 1991 का है, न्याय के हित में, अंतिम अवसर के रूप में, दस दिन विधिक सेवा समिति, इलाहाबाद में 10,000 रुपये के भुगतान के अधीन जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय दें.

उत्तर प्रदेश सरकार ने ज्ञानवापी केस के मामले में एक बड़ा निर्णय लिया है. राज्य सरकार ने बनारस बार काउंसिल के पुर्व अध्यक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद का विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया है इस संबंध में न्याय विभाग के विशेष सचिव ने जानकारी देते हुए कहा कि राजेश मिश्र ज्ञानवापी मस्जिद और प्राचीन आदिविश्वेश्वर मंदिर से संबंधित सभी केस की पैरवी करेंगे.

ज्ञानवापी केस की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी.

Source : IANS

hindi news UP News Gyanvapi case allahabad high court ASI varanasi case
Advertisment