बारामूला में सेना के कैंप पर आतंकी हमले को नाकाम करने वाले शहीद बीएसएफ के जवान नितिन को बंदूकों की सलामी के साथ अंतिम विदाई दी गई। इटावा में उन्हें सलामी देने के लिए एक बड़ा जनसैलाब उमड़ा।
बीएसएफ जवान नितिन ने आतंकियों का मुकाबला करते हुए उन्हें सेना के कैंप में दाखिल नहीं होने दिया था, जिसकी वजह से उरी जैसा हमला नाकाम हो गया था। इस हमले में बीएसएफ के चार अन्य जवान भी जख्मी हुए थे।
उत्तर प्रदेश के इटावा के रहने वाले नितिन महज 24 साल के थे। उनकी शहादत को पूरा देश हमेशा याद रखेगा।