Advertisment

बारिश के कारण धंसी कब्र की मिट्टी, अंदर देखा तो आंखे फटी की फटी रह गई

बांदा जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां कब्र से निकाले गए एक शव की हालत ज्यों की त्यों मिली है. मामला तब प्रकाश में आया जब भारी बारिश के कारण कब्रिस्तान में मिट्टी कटने से एक कब्र धंस गई.

author-image
Yogendra Mishra
New Update
बारिश के कारण धंसी कब्र की मिट्टी, अंदर देखा तो आंखे फटी की फटी रह गई

प्रतीकात्मक फोटो।

Advertisment

बांदा जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां कब्र से निकाले गए एक शव की हालत ज्यों की त्यों मिली है. मामला तब प्रकाश में आया जब भारी बारिश के कारण कब्रिस्तान में मिट्टी कटने से एक कब्र धंस गई. कब्र धंसने के बाद 22 साल पुराना एक शव और कफन दिखने लगा. न ही कपड़ा खराब हुआ था और न ही शव.

यह भी पढ़ें- मंत्रालय में परिवारवाद न आए इस लिए योगी ने नए मंत्रियों को दी ये सलाह

जैसे ही यह खबर इलाके में फैली देखने वालों का हुजूम मौके पर जमा हो गया. जब कफन में लिपटे शव को निकाला गया तो वहां मौजूद सैकड़ो लोगों की आंखें फटी की फटी रह गई. 22 साल पहले जिस मुर्दे को दफनाया गया था उसका कफन न तो मैला हुआ था और न ही शव खराब हुआ था.

यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश सरकार के 4 मंत्रियों से यूं ही नहीं लिए गए इस्तीफे, जानिए पूरा कारण

मामला बांदा के बबेरू कस्बे के अतर्रा रोड स्थित घसिला तालाब के कब्रिस्तान का है. जहां मूसलाधार बारिश के कारण कई कब्रों की मिट्टी बह गई. जिसकी वजह से एक कब्र में दफन किया गया शव दिखाई देने लगा. लोगों ने इसकी जानकारी कब्रिस्तान कमेटी को दी. कब्रिस्तान कमेटी के लोगों द्वारा जब कब्र की धंसी हुई मिट्टी को हटाया गया तो जनाजा ज्यों का त्यों मिला.

यह भी पढ़ें- UP पुलिस का एक चेहरा यह भी- 'मसीहा बनकर युवक को मौत के मुंह से निकाला' 

जिस कब्र को खोद कर शव निकाला गया है वह नसीर अहमद का है जिसकी उम्र 55 साल थी. 22 साल पहले उसकी मौत हो गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नसीर अहमद पुत्र अलाउद्दीन निवासी कोर्रही, थाना बिसंडा बबेरू में नाई की दुकान थी. जिन्हें लगभग 22 साल पहले दफन किया गया था.

यह भी पढ़ें- सैफई में 150 छात्र हो गए गंजे, उनके डर की वजह जान हैरान रह जाएंगे आप 

लेकिन बुधवार को हुई भारी बारिश के बाद कब्र की मिट्टी धंस गई. यह खबर इलाके में जंगल में आग की तरह फैली. देखते ही देखते दूर-दूर से लोग देखने के लिए पहुंच गए. मौके पर स्थानीय मौलानाओं की मौजूदगी में कब्र से जनाजा निकाल कर उसे दूसरा कब्र में दोबारा दफनाया गया. मृतक नसीर के एक रिश्तेदार का कहना है कि उनका कोई बेटा नहीं था. 22 साल पहले जब उनका निधन हुआ तो हमने ही उन्हें दफन किया था.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

Rain Banda News Grave hindi news
Advertisment
Advertisment
Advertisment