उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जीवन में प्राथमिक शिक्षा बेहतर भविष्य की नींव तैयार करने में मदद करती है, इसलिए इसका सर्वाधिक महत्व है. महाराणा प्रताप (एमपी) शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन पर मंगलवार को उन्होंने कहा कि अभिभावकों को इस पर भी ध्यान देना होगा कि जो शिक्षा हम अपने बच्चों को दे रहे हैं, वो उनके भावी जीवन के लिए उपयोगी है या नहीं.
उन्होंने कहा, "दिशाहीन शिक्षा उपयोगी साबित नहीं होगी. जीवन में प्राथमिक शिक्षा बहुत उपयोगी है. इससे भविष्य की नींव तैयार होती है." राज्यपाल ने कहा कि कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई के दौरान बच्चों में अनुशासन और खुद को पहचाने की चाहत होनी चाहिए. शिक्षकों को यह सोचना होगा कि पढ़ाई को बच्चों के लिए रोचक बनाने और उनकी रुचि बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए.
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उन्होंने कहा, " स्कूल कलेज में पढ़ने वाली सभी लड़कियों का हीमोग्लोबिन टेस्ट होना चाहिए ताकि पता चले कि वो एनिमिक तो नही हैं. लड़कियों के विवाह की चिंता तो होती है, लेकिन उनके स्वास्थ्य की चिंता किसी को नहीं होती."
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है. लक्ष्य तय करने के बाद उसे हासिल करने के लिए किया जाने वाला परिश्रम ही हमें अनमोल बनाता है. अपेक्षात पिछड़े पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1932 में ब्रम्हलीन महंत दिग्विजयनाथ जी ने महाराणा शिक्षा परिषद की स्थापना की थी."
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उन्होंने कहा कि उस समय का पौधा अगर वट वृक्ष बना है तो उसके पीछे इससे जुड़े लोगों की मेहनत है. यहां के बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार और राष्ट्रवाद का भी पाठ पढ़ाया जाता है. योगी ने कहा, "जब भी कोई स्वाभिमानी समाज अपने सम्मान की रक्षा और भावी पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए जागरूक हो जाता है, तो कोई ताकत उस पर बहुत दिनों तक शासन नहीं कर सकती है."
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी मिलना पर्याप्त नहीं, बल्कि आजादी के मायनों को जानकर समर्थ और शक्तिशाली भारत का निर्माण करना हम सबका मकसद है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो