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नेत्रहीनों को राह दिखाएगी ये स्टिक, जगह के नाम बताने के साथ अलर्ट भी करेगी 

आईटीएम गीडा से कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने वाली अंकिता सिंह, अंजली सिंह, अंशिका पटेल और एमबीए की छात्रा अनामिका सिंह ने मिलकर शिवा ब्लाइंड स्टिक बनाई है.

Updated on: 20 Feb 2023, 10:19 PM

नई दिल्ली:

गोरखपुर की 4 छात्राओं ने मिलकर नेत्रहीन लोगों के लिए एक ऐसी करामाती छड़ी बनाई हैं जो सामने किसी व्यक्ति या ऑब्ज़ेक्ट के आने पर अलर्ट करने के साथ रास्ते में किसी मंदिर,अस्पताल  या मार्ट आने पर उसका नाम भी बताएगा ताकि नेत्रहीन व्यक्ति को ये पता हों जाए कि उनके आस-पास कौन सा भवन या मन्दिर हैं. छात्राओं ने इस नेत्रहीन छड़ी को शिवा ब्लाइंड स्टिक का नाम दिया हैं. आईटीएम गीडा से कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने वाली अंकिता सिंह, अंजली सिंह, अंशिका पटेल और एमबीए की छात्रा अनामिका सिंह ने मिलकर शिवा ब्लाइंड स्टिक बनाई है.  इस स्टिक के सहारे ब्लाइंड कहीं भी आ जा सकेंगे. वहीं उनके सामने किसी व्यक्ति या आब्जेक्ट   के आने पर स्टिक में अलर्ट सायरन बजेगा. 

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इन छात्राओं ने बताया कि शिवा ब्लाइंड स्टिक रेडियो सिग्नल और जीपीएस दोनो पर काम करती है. इस स्टिक में रिसिवर होता है, जो वॉइस सर्किट से जुडा होता है. इस सर्किट का एक ट्रांसमीटर होता है, जिसे धार्मिक स्थलों, मेडिकल शॉप, मार्ट, हॉस्पिटल या जहां हम जरूरी समझते हैं,  इस ट्रांसमीटर चिप को इंस्टॉल कर सकते हैं. जैसे कोई ब्लाइंड व्यक्ति अपनी स्टिक में लगे बटन को दबाता है, उस ऐरिया में लगे ट्रांसमीटर को एक रेडियो सिग्नल मिलता है जिससे स्टिक में लगे ईयर फोन में आवाज के माध्यम से उन्हें ये पता हो जाता है कि उनके नजदीक क्या है. नेत्रहीन व्यक्ति खुद अपने बलबूते पर कहीं निकल सके, इसके लिए इन छात्राओं ने ये स्टिक तैयार की है. 

इसे बनाने में 7 दिन का समय लगा है और इस स्टिक पर तीन हजार रुपए खर्च हुए हैं. शिवा ब्लाइंड स्टिक बनाने में एक सेल्फी स्टिक, ट्रांसमीटर, रिसीवर, रिले वोल्ट, वॉइस रिकॉर्डिंग चिप, 9वोल्ट बैटरी, स्पीकर का इस्तेमाल किया गया है. स्टिक एक बार चार्ज करने पर तीन दिन तक  काम करेगी.