खुशशबरीः 2 अप्रैल से रामलला को मिलेगा नया स्थान, अयोध्या में तैयारी शुरू

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट जन्मभूमि पर रामलला विराजमान के लिए नई जगह पर अस्थाई मंदिर निर्माण में जुट गया है. लिहाज़ा आने वाले नवरात्र में राम भक्तों को राम लला के दर्शन अब टेंट में नहीं फाइबर के नए मंदिर में नया स्थान पर होंगे.

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट जन्मभूमि पर रामलला विराजमान के लिए नई जगह पर अस्थाई मंदिर निर्माण में जुट गया है. लिहाज़ा आने वाले नवरात्र में राम भक्तों को राम लला के दर्शन अब टेंट में नहीं फाइबर के नए मंदिर में नया स्थान पर होंगे.

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Kuldeep Singh
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प्रतीकात्मक फोटो

राम मंदिर का प्रस्तावित मॉडल( Photo Credit : फाइल फोटो)

अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि (Ram Janbhoomi) पर भव्य मंदिर निर्माण का कार्य शुरू करने से पहले रामलला विराजमान को नई जगह पर ले जाने की तैयारी शुरू हो गई है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सुरक्षा एजेंसियों की राय पर मानस मंदिर के बगल में अस्थाई फाइबर से बनने वाले मंदिर के निर्माण का काम शुरू करा दिया है ताकि पुराने जगह पर भव्य मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सके और रामलला का दर्शन भी लोगों को बिना किसी असुविधा के हो सके.

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जिस तेजी के साथ अस्थाई मंदिर के निर्माण के लिए काम चल रहा है उससे उम्मीद की जा रही है कि 25 मार्च से शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र में राम भक्तों को रामलला का दर्शन नए स्थान पर होंगे. जहां निर्माण कार्य हो रहा है उसका रास्ता पहले के मुकाबले छोटा है यानी राम भक्तों को अब कम पैदल चलना पड़ेगा साथ ही अब पास से दर्शन भी हो सकेंगे. ट्रस्ट के सूत्रों का कहना है इस बात की तैयारी की जा रही है कि 2 अप्रैल को रामनवमी नए स्थान पर ही मनाया जाए. इसके लिए ट्रस्ट सारे कागजी काम पूरे कर चुका हैं. फाइबर के मंदिर का मॉडल भी तय कर लिया गया है. सुरक्षा के कैसे इंतजाम होंगे इसे भी तय किया जा चुका है. फिलहाल टेंट में विराजमान रामलला के दर्शन दूर से ही किये जा सकते है लेकिन नए जगह पर भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है ताकि उन्हें कम परेशानी हो और रामलला के दर्शन भी बिल्कुल पास से हो सकें.

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इसके साथ ही विश्व हिंदू परिषद 25 मार्च से पूरे देश में राम महोत्सव मनाने की तैयारी में लगा है. खास तौर पर वीएचपी ने उन 285,000 गांव में विशेष तौर पर मनाने की तैयारी में है जिन गांवों में मंदिर निर्माण के लिए 1989 में शिला पूजन हुआ था. देश भर में राममहोत्सव रामनवमी के दिन यानी 2 अप्रैल तक मनाया जाएगा. इस दौरान विश्व हिंदू परिषद उन सभी कार्य सेवकों को सम्मानित भी करेगा जो कार्य सेवा में अयोध्या गए थे, साथ ही उन कारसेवकों की स्मृति में कार्यक्रम भी आयोजित करेगा जो अयोध्या में कारसेवा के दौरान मारे गए थे. राम महोत्सव मनाने के पीछे विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तब खुशियां इसलिए नही मनाई गई थी कि देश का माहौल खराब ना हो, लेकिन अब मंदिर निर्माण शुरू होने वाला है इसलिए महोत्सव मना कर खुशियां मनाई जाएगी.

Source : News Nation Bureau

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