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यूपी में गोंड जाति को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति में किया शामिल

इसके अलावा गोंड जाति की पांच उपजातियों धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल करा गया है.

Updated on: 14 Sep 2022, 04:35 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश की पांच राज्यों की जातियों को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित किया गया है. इसमें यूपी के 13 जिलों में गोंड जाति के लोगों को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजति में शामिल किया गया. इसके अलावा गोंड जाति की पांच उपजातियों धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल करा गया है. भाजपा ने उत्तर प्रदेश के चुनाव में लोगों से वादा किया था. इसे भाजपा ने पूरा कर दिया है. पार्टी ने गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति की लिस्ट में शामिल करने के लिए कानून लाने का वादा किया था.

इसी साल केंद्र ने संविधान विधेयक 2022 लोकसभा में पेश किया था. इस विधेयक में उत्तर प्रदेश की गोंड, धुनिया, नायक, ओझा पठारी और राजगोंड जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाने का प्रावधान था. इसे पारित कर दिया गया था. हालांकि तब राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो पाया. ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल में इसे पारित करने का फैसला लिया गया.