तेज रफ्तार ट्रेन की खिड़की से अचानक बाहर गिरी नन्ही जान, जानिए फिर क्या हुआ

एक छोटी बच्ची अपने माता-पिता के साथ मध्य प्रदेश से मथुरा जा रही थी. लगभग 10-15 किलोमीटर चलने के बाद उसके पिता को जब पता चला कि उनकी बेटी गायब है.

एक छोटी बच्ची अपने माता-पिता के साथ मध्य प्रदेश से मथुरा जा रही थी. लगभग 10-15 किलोमीटर चलने के बाद उसके पिता को जब पता चला कि उनकी बेटी गायब है.

author-image
Garima Sharma
New Update
indian Girl fell out of train window

तेज रफ्तार ट्रेन की खिड़की से अचानक बाहर गिरी नन्ही जान, जानिए फिर क्या हुआ

मथुरा, उत्तर प्रदेश में एक 8 साल की बच्ची चलती ट्रेन से गिरने के बाद घायल अवस्था में झाड़ियों में मिली. यह घटना किसी चमत्कार से कम नहीं मानी जा सकती, क्योंकि बच्ची तेज रफ्तार ट्रेन से गिरने के बावजूद बच गई. बच्ची के परिवार ने इस घटना को देवी मां का आशीर्वाद बताया, जिसे नवरात्रि के दौरान माता के चमत्कार के रूप में देखा जा रहा है.

Advertisment

चलती ट्रेन से गिरी बच्ची

गौरी नाम की यह बच्ची अपने माता-पिता, अरविंद तिवारी और अंजली, के साथ मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ स्थित पैतृक गांव से मथुरा लौट रही थी. परिवार नवरात्रि के अवसर पर अष्टमी की पूजा करने के बाद गीता जयंती एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था. जब ट्रेन ललितपुर रेलवे स्टेशन से 7-8 किलोमीटर आगे बढ़ी, तब हादसा हुआ. ट्रेन की आपातकालीन खिड़की के पास बैठी गौरी अचानक तेज हवा और मोड़ के कारण खिड़की से बाहर गिर गई. ट्रेन उस वक्त लगभग 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी.

पुलिस की तत्परता ने बचाई जान

गौरी के गिरने का पता तब चला जब उसके पिता अरविंद अपनी सीट पर लौटे और देखा कि उनकी बेटी गायब है. आनन-फानन में उन्होंने ट्रेन में उसे ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिली. तभी उन्हें इमरजेंसी विंडो के पूरी तरह खुला होने का एहसास हुआ, जिससे यह पता लगा कि गौरी खिड़की से गिर चुकी है. अरविंद ने तुरंत ट्रेन की चेन पुलिंग कर ट्रेन को जंगल में ही रुकवा दिया. ट्रेन उस समय घटना स्थल से 10-15 किलोमीटर आगे निकल चुकी थी.

बच्ची को ऐसे बचाया गया

गौरी के गिरने की सूचना ट्रेन में मौजूद GRP (Government Railway Police) को दी गई, जिसके बाद GRP ललितपुर थाना प्रभारी ने तत्काल 16-17 किलोमीटर के रेल ट्रैक पर बच्ची की खोज के लिए चार टीमें गठित कीं. इसके साथ ही परिवार के लोग और पुलिसकर्मी दोनों दिशाओं से खोजबीन करने लगे. लगभग दो घंटे की खोजबीन के बाद गौरी घायल अवस्था में झाड़ियों के बीच मिली. उसके हाथ-पैर और शरीर पर चोटें आई थीं, और एक पैर टूट गया था.

बच्ची का एक पैर टूट गया 

गौरी ने बताया कि वह अपने छोटे भाई मृदुल के साथ खेल रही थी, जब वह खिड़की से बाहर गिर गई. गिरने के बाद वह झाड़ियों में फंसी रही और अपने पैरों में लगी चोट की वजह से खड़ी नहीं हो सकी. डर और अंधेरे के बीच वह करीब दो घंटे तक वहीं पड़ी रोती रही, जब तक कि उसकी मां, पिता और पुलिस उसे ढूंढते हुए वहां नहीं पहुंच गए.

परिवार की प्रतिक्रिया

गौरी की मां, अंजली, ने बेटी को सकुशल पाकर अपनी खुशी और आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह देवी मां का चमत्कार है कि उनकी बेटी की जान बच गई. उनका मानना है कि नवरात्रि के दौरान देवी का आशीर्वाद उनके साथ था, जिसने उनकी बेटी को नई जिंदगी दी. वहीं, गौरी के पिता अरविंद ने अपनी बेटी के सुरक्षित लौटने पर राहत की सांस ली और GRP और पुलिसकर्मियों का धन्यवाद किया.

ट्रेन में प्राथमिक उपचार

बच्ची को सकुशल बरामद करने के बाद, उसे एक मालगाड़ी में सवार कर ललितपुर रेलवे स्टेशन ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार दिया और फिर उसे जिला अस्पताल ले जाया गया. रविवार की देर शाम अस्पताल से उपचार के बाद गौरी को घर भेज दिया गया. 

 

Lalitpur Trian Girl fell from train Railway mathura Gita Jayanti Express
      
Advertisment