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मुरादनगर हादसा : पीड़ित परिवारों के बच्चों की फीस होगी माफ, शासन की योजनाओं का मिलेगा लाभ

मुरादनगर शमशान घाट हादसे में मृतक परिवारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा ग्रहण कराये जाने तथा घायल परिवारों के बच्चों की फीस माफ कराने का काम कर रही है. शिक्षा विभाग की टीम द्वारा अभी तक 13 परिवारों का सर्वे किया जा चुका है.

Updated on: 05 Jan 2021, 11:54 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुरादनगर शमशान घाट हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अत्यंत गंभीर और संवेदनशील हैं. उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराए जाने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिलाधिकारी गाजियाबाद अजय शंकर पाण्डेय ने राहत कार्यो की कमान संभालते हुए पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनको हर संभव मदद दिए जाने का आश्वासन दिया. राहत कार्यो के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मेडिकल टीम, काउंसलिंग टीम सहित कई टीमें लगाई गई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से प्रत्येक मृतक परिवार को 10-10 लाख रुपए दिये जाने की घोषणा की है.

डीएम के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर हादसा पीड़ित परिवारों का सर्वे कराया जा रहा है. साथ ही शासन की समस्त कल्याणकारी योजनाओं में पात्रता के अनुसार लाभ दिलाये जाने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है. जिला विकास अधिकारी गाजियाबाद ने मंगलवार को मुरादनगर क्षेत्र के कुल 18 परिवारों में से 12 परिवारों का सर्वे किया. पीड़ित परिवारों को शासन की विक्लांग योजना, पारिवारिक योजना, विधवा पेंशन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, कृषक छात्र वित्तीय योजना आदि में पात्रता के अनुसार लाभ दिलाए जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है.

प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराए जाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है. जो मृतक परिवारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा ग्रहण कराये जाने तथा घायल परिवारों के बच्चों की फीस माफ कराने का काम कर रही है. शिक्षा विभाग की टीम द्वारा अभी तक 13 परिवारों का सर्वे किया जा चुका है. सर्वे के आधार पर पीड़ित परिवारों के बच्चों को स्कॉलरशिप दिलाए जाने की कार्रवाई हो रही है.

स्वस्थ्य विभाग की ओर से डाक्टरों की एक टीम प्रभावित मोहल्लों में हादसे में घायल लोगों के घर जाकर उनको चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रही है. साथ ही मनोचिकित्सकों की टीम भी पीड़ित परिवार के लोगों की काउंसलिंग करने का काम कर रही है, ताकि परिवार के लोग इस हादसे से उभर सकें. खाद्य एवं आपूर्ति जिला पूर्ति विभाग की ओर से पीड़ित गरीब परिवारों को निशुल्क राशन दिए जाने का काम कर रही है.