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Ghaziabad Case( Photo Credit : फोटो- News Nation)
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Ghaziabad Case( Photo Credit : फोटो- News Nation)
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई (Muslim Elderly Man Beating Case) को बेवजह हिंदू-मुस्लिम रंग देने की कोशिश का मामला जैसे-जैसे जांच में आगे बढ़ रहा है, सोशल मीडिया कंपनियों की लापरवाही भी उजागर हो रही है. इस मामले में पुलिस ने ट्वीट इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वर को नोटिस भेजकर लोनी बॉर्डर पुलिस थाने में अपने बयान दर्ज कराने को कहा था. उन्हें 7 दिन का समय दिया गया था. लेकिन वे नहीं आए. ट्विटर ने कहा है कि मौजूदा विवाद से कंपनी का कुछ लेना देना नहीं है. हालांकि यूपी पुलिस ट्विटर इंडिया चीफ (Twitter India Chief) को फिर से नोटिस भेज सकती है. मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ट्विटर इंडिया के एमडी के बयान से संतुष्ट नहीं है.
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बता दें कि गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को एक नोटिस भेजकर उन्हें यहां इस महीने की शुरुआत में एक मुस्लिम व्यक्ति पर हुए कथित हमले से संबंधित मामले की जांच में शामिल होने को कहा था. गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में 15 जून को ट्विटर, द वायर के अलावा कुछ पत्रकारों एवं कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ इस मामले को सांप्रदायिक रूप देने का मामला दर्ज किया था, जिसमें समद ने दावा किया था कि पांच जून को उसकी पिटाई की गयी और उसे 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए कहा गया.
जिसके बाद पुलिस ने 17 जून को ट्विटर इंडिया के एमडी एक नोटिस भेजा जिसमें उन्हें 7 दिन के अंदर लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन को अपना बयान दर्ज कराने को कहा था. नोटिस में कहा गया कि ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया और ट्विटर INC के जरिए कुछ लोगों ने अपने ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल करके समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की. लेकिन कंपनी ने इन्हें रोकने कोई संज्ञान नहीं लिया. गाजियाबाद ग्रामीण इराज राजा ने कहा-ट्विटर इंडिया के हेड मनीष माहेश्वरी को विवेचना में सहयोग करने के लिए उपस्थित होने के लिए कल मेल किया गया. उनसे कई और जानकारियां मेल के माध्यम से मांगी गई हैं. बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता के मामले में लगभग 99% गिरफ्तारी कर ली गई है.
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20 जून को गाजियाबाद पुलिस ने दावा किया कि 15 जून 2020 से 15 जून 2021 के बीच ट्विटर पर 26 ईमेल भेजे गए, लेकिन एक का भी जवाब ट्विटर की तरफ से नहीं दिया गया. इधर सांप्रदायिक विवाद फैलाने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किए गए उम्मेद पहलावन इदरिसी को दो सप्ताह के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पहलवान के खिलाफ एक मुस्लिम व्यक्ति पर हुए हमले का वीडियो साझा कर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप है.
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