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बुलेटप्रूफ एंबुलेंस में दिखा गैंगस्टर मुख्तार अंसारी, योगी सरकार कराएगी जांच

जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी को बुधवार को पेशी के लिए मोहाली कोर्ट ले जाया गया. इस दौरान वो एक एंबुलेंस में सवार दिखा, जिसके बाद इस मामले में एक नया मोड़ आ गया. दरअसल, मुख्तार अंसारी जिस एंबुलेंस में था, उसका नंबर यूपी का था.

Updated on: 01 Apr 2021, 05:22 PM

highlights

  • एंबुलेंस लग्जरी और बुलेट प्रूफ है. इसे लेकर सरकार इसकी जांच कराएगी
  • मुख्तारी अंसारी का एंबुलेंस डॉ अलका राय के अस्पताल श्याम संजीवनी के नाम से रजिस्टर्ड है
  • फिरौती मांगने के मामले में मुख्तार अंसारी के बुधवार को कोर्ट में पेशी हुई थी

नई दिल्ली:

जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी को बुधवार को पेशी के लिए मोहाली कोर्ट ले जाया गया. इस दौरान वो एक एंबुलेंस में सवार दिखा, जिसके बाद इस मामले में एक नया मोड़ आ गया. दरअसल, मुख्तार अंसारी जिस एंबुलेंस में था, उसका नंबर यूपी का था. अंसारी के इस एंबुलेंस को लेकर कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा, मुख्तार अंसारी के लिए पंजाब भेजी गई एंबुलेंस लग्जरी और बुलेट प्रूफ है. इसे लेकर सरकार इसकी जांच कराएगी. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस सरकारों ने मुख्तार अंसारी को समर्थन दिया. इसी का नतीजा है कि आज वो सबसे बड़ा गैंगस्टर बन गया है. उन्होंने आगे कहा कि एंबुलेंस का निजी इस्तेमाल मुख्तार कैसे कर रहे हैं? या बड़ा सवाल है. एंबुलेंस एक अस्पताल के नाम पर है. हम पूरे मामले की जांच कराएंगे और कार्रवाई भी करेंगे. 

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सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ये भी कहा कि आखिर वह कौन सी सरकार थी? जिसके कार्यकाल में मुख्तार अंसारी को एंबुलेंस मिली. वह भी निजी इस्तेमाल के लिए. उसको लग्जरी बनाया गया. बुलेट प्रूफ बनाया गया. उन्होंने कहा कि इस मामले में पंजाब सरकार को भी बयान देना चाहिए कि आखिर निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल मुख्तार अंसारी पंजाब में कैसे कर रहा है? इसकी भी जांच होनी चाहिए. हम पूरे मामले की जांच कराएंगे और किसी को भी नहीं छोड़ेंगे.

मुख्तारी अंसारी का एंबुलेंस डॉ अलका राय के अस्पताल श्याम संजीवनी के नाम से रजिस्टर्ड है, जिसका नंबर बाराबंकी जनपद से जारी किया गया है. इस पर डॉ अलका राय ने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्ष 2013 में मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि द्वारा हॉस्पिटल के नाम से एंबुलेंस संचालित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर इत्यादि मांगे गए थे. जिसको उनके हॉस्पिटल के निदेशक द्वारा पूरा किया गया था. लेकिन उसके बाद वह एंबुलेंस कहां आया? कहां गया? इसकी जानकारी उन्हें नहीं हो सकी है.

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अलका राय ने आगे बताया कि मऊ जनपद में श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के नाम से उनका एक हॉस्पिटल है. जबकि उक्त एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी जनपद से किया गया है. जहां उनका कोई हॉस्पिटल या संस्था संचालित नहीं होता है. श्याम संजीवनी अस्पताल बाराबंकी से मेरा कोई लेना देना नहीं है. उस एंबुलेंस से मुख्तार के सेवा की सूचना भी मीडिया द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया.

बता दें कि पंजाब मोहाली के एक बिल्डर से फिरौती मांगने के मामले में मुख्तार अंसारी के बुधवार को कोर्ट में पेशी हुई थी. इसके लिए उसे रोपर जेल से मोहाली कोर्ट जाना पड़ा था. रोपर जेल से मोहाली कोर्ट तक मुख्तार को यूपी के नंबर की एक निजी एंबुलेंस है लाया गया था. जांच करने पर पता चला कि एंबुलेंस यूपी के बाराबंकी के एक निजी अस्पताल के नाम पर रजिस्टर्ड है. उसका नंबर यूपी 41 एटी 7171 है.

नाम न बताते हुए बाराबंकी आरटीओ के एक अधिकारी ने कहा कि पंजीकरण के अलावा गाड़ी की फिटनेस भी 2017 में समाप्त हो गई थी। इस पूरे मामले में सबसे पेचीदा बात यह है कि पंजाब की रोपर जेल से मुख्तार अंसारी को ले जाने के लिए उत्तर प्रदेश की एम्बूलेंस का इस्तेमाल किया गया।