एनजीटी ने वाराणसी में असी और वरुणा नदियों पर अतिक्रमण को लेकर कड़ी फटकार लगाई है. जिलाधिकारी से सवाल किया गया कि क्या वे गंगा का पानी पी सकते हैं? न्यायालय ने यह तक कहा कि गंगा के किनारे बोर्ड लगा दिया जाए कि पानी पीने और नहाने लायक नहीं है ये बाते खुद उस जिरह के दौरान मौजूद वकील ने बताई.
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एनजीटी ने आज बेहद तल्ख टिप्पणी की
वाराणसी में गंगा की सहायक नदी असी और वरुणा पर अतिक्रमण को लेकर एनजीटी ने आज बेहद तल्ख टिप्पणी की. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में असि और वरुणा पर हुए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई करते हुए जिला अधिकारी वाराणसी को कहा कि क्यों न आप बोर्ड लगवा दें कि गंगा जल नहाने और पीने योग्य नहीं है. दरअसल कोर्ट में वरुणा और असि नदी के ग्रीन बेल्ट में हुए अतिक्रमण की कार्यवाही को लेकर सुनवाई हो रही थी.
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अतिक्रमण और प्रदूषण को लेकर सुनवाई हुई
याचिकाकर्ता के वकील सौरभ तिवारी ने बताया कि वरुणा और असि पर अतिक्रमण और प्रदूषण को लेकर सुनवाई हुई. ऑनलाइन सुनवाई में जिला अधिकारी वाराणसी भी मौजूद थे. इस सुनवाई के दौरान एनजीटी के जज अरुण कुमार त्यागी और सब्जेक्ट एक्सपर्ट के जज के तौर पर ए सेंथिल सुनवाई कर रहे थे. वरुणा और असि नदी के अतिक्रमण पर कार्यवाही को लेकर जिला अधिकारी जवाब दे रहे थे.