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प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियां उफान पर, खतरा बढ़ा

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं। गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान से बमुश्किल एक मीटर नीचे बह रही हैं। गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।

Updated on: 25 Aug 2022, 01:21 PM

नई दिल्ली:

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं। गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान से बमुश्किल एक मीटर नीचे बह रही हैं। गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। चंबल नदी से यमुना नदी में 24 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। उससे आने वाले दिनों में दो से तीन मीटर पानी बढ़ने की संभावना है। जिसके बाद संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां डेंजर लेवल को पार कर जाएंगी। बाढ़ का पानी निचले मोहल्लों और कई गांवों में पहुंच गया है। सलोरी और  छोटा बघाड़ा इलाके में सैकड़ों घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

शहरी क्षेत्र में 12 बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील किए गए हैं। डीएम के मुताबिक अब तक तीन बाढ़ राहत शिविरों में लगभग तीन सौ परिवार शिफ्ट हुए हैं। यहां पर इनके लिए प्रकाश, पानी और स्वच्छता की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही नाश्ते और भोजन का भी प्रबंध किया गया है। इन शिविरों में डाक्टर और सुरक्षा के लिए पुलिस की व्यवस्था की गई है। मजिस्ट्रेट और महिला पुलिस की भी तैनाती की गई है। डीएम के मुताबिक बाढ़ का पानी जैसे जैसे बढ़ेगा और भी लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बदरा सुनौटी और पनासा में भी बाढ़ का पानी घुस गया है।यहां पर नाव की व्यवस्था की गई है।

लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। पुलिस पेट्रोलिंग की जा रही है और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही है। डीएम के मुताबिक एनडीआरएफ की भी एक टीम भी संगम नगरी प्रयागराज पहुंच गई है। जिसने अपना काम शुरू कर दिया है। डीएम प्रयागराज ने एनी बेसेंट स्कूल में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर का जायजा लिया। उन्होंने प्रशासन की तैयारियों को भी जांचा परखा है। डीएम ने बाढ़ प्रभावितों से भी बातचीत की है।