फर्जीवाड़े की इंतहाः चपरासी का अंगूठा और प्रिंसिपल की हाजिरी
तू डाल-डाल, मैं पात-पात की कहावत उत्तर प्रदेश में इन दिनों बिल्कुल सही साबित हो रही है. योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की कार्य शैली सुधारने और नियमित ऑफिस आना सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली लगवा दी है.
लखनऊ:
तू डाल-डाल, मैं पात-पात की कहावत उत्तर प्रदेश में इन दिनों बिल्कुल सही साबित हो रही है. योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की कार्य शैली सुधारने और नियमित ऑफिस आना सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली लगवा दी है. लेकिन काम चोरों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. मिर्जापुर जिले के लालगंज तहसील के बरौंधा स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल की हाजिरी चपरासी द्वारा लगाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. विभागीय जांच में कालेज की प्रिंसिपल और चपरासी दोनों दोषी पाए गए हैं. जांच में प्रभारी प्रिंसिपल के साथ चपरासी के खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है. हालांकि, इस मामले में दोषी अध्यापिका ने खुद को निर्दोष बताया है.
यह भी पढ़ेंः महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी पर लगाया कश्मीर की सूफी परंपराओं को खत्म करने का आरोप
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के लालगंज तहसील के बरौंधा स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में एक सनसनीखेज मामला जांच में सामने आया है. जहां प्रभारी प्रिंसिपल की अनुपस्थिति में भी बायोमैट्रिक मशीन में उनकी उपस्थिति दर्ज होती रही. कॉलेज की प्रभारी प्रिंसिपल रही शशि गोयल के कॉलेज से अक्सर गायब रहने की सूचना उच्च अधिकारियों को मिलती रही जिसके बाद अधिकारियों द्वारा स्कूल के प्रिंसिपल का प्रभार हाई स्कूल के प्रिंसिपल को दे दिया गया .
महारानी एलिजाबेथ की वे 10 आदतें, जिन्होंने उन्हें 96 वर्ष तक जीने में मदद की
जुलाई और अगस्त माह के वेतन के लिए बायोमैट्रिक मशीन से उपस्थिति का प्रिंट निकाला गया तो चौंकाने वाली बात सामने आई. इस दौरान देखने को मिला कि जिस तारीख को शशि गोयल छुट्टी पर थीं और रजिस्टर में अनुपस्थित थी. मशीन में वे उपस्थित रही. मामले की जांच के लिए विभागीय अधिकारियों की टीम गठित की गई, जिसकी जांच में पाया कि कॉलेज का ही एक चपरासी कॉलेज के उपस्थिति रजिस्टर में उपस्थित था, पर बायोमैट्रिक मशीन में वह अनुपस्थित पाया गया.
ऐसे किया गड़बड़झाला
जांच में पाए गए पूरे मामले का खुलासा करते हुए जेडी ने बताया कि जब बायोमेट्रिक मशीन में कॉलेज के कर्मचारियों के अंगूठे की पहचान किया दर्ज की जा रही थी, तब प्रभारी प्रिंसिपल शशि गोयल द्वारा एक ही कर्मचारी के दोनों हाथों की उंगलियों को उसमें शामिल कराया गया और कहा गया कि अगर एक हाथ में कोई दिक्कत आती है तो कर्मचारी दूसरे हाथ की उंगली से अपनी उपस्थिति मशीन में दर्ज करा सकता है, पर इस प्रक्रिया में उनके द्वारा अपनी किसी उंगली को चिन्हांकित नहीं कराया गया. इसकी जगह चपरासी के दोनों हाथों की उंगलियों को करा दिया गया . चपरासी को शशि गोयल ने साजिश में शामिल करते हुए उसके द्वारा अपनी अनुपस्थिति में एक हाथ से उसकी उपस्थिति और दूसरे हाथ से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की बात समझा दिया गया. चपरासी भी इस पर अमल करते हुए दोनों की उपस्थिति दर्ज कराता रहा.
शशि गोयल के चार्ज से हटने के बाद खुली पोल
शशि गोयल की जगह जब नए प्रभारी प्रिंसिपल आ गए और उनको कॉलेज आना पड़ा. कालेज में अग्रवाल की उपस्थिति पर चपरासी को अपनी उपस्थिति के लिए मशीन में उंगली लगानी थी पर वह भूल गया कि किस हाथ की उंगली उसकी है और किस हाथ की अग्रवाल की है. वह लगातार शशि गोयल के नाम रजिस्टर्ड उंगली को अपनी उपस्थिति में लगता गया और अनुपस्थित पाया गया. जांच में मामले के खुलासे के बाद अब दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में विभाग जुटा है .
अब साजिश कर फंसाने का लगाया आरोप
इस खुलासे के बाद दोषी पाई गई, बालिका कॉलेज की प्रभारी प्रिंसिपल और अध्यापिका शशि गोयल का कहना है कि उसको साजिश में फंसाया जा रहा है. इसमें वह दोषी नहीं है. उसके खिलाफ कुछ लोग षड्यंत्र कर रहे हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा