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रघुराज प्रताप सिंह 'राजा भइया' के पिता भदरी कोठी में किए गए नजरबंद, ये है कारण

कुंडा के शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम के दिन मंदिर में भंडारा आयोजित करवाने के लिए पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह 'राजा भइया' के पिता उदय प्रताप सिंह को डीएम ने अनुमति नहीं दी है.

Updated on: 10 Sep 2019, 08:33 AM

highlights

  • मुहर्रम के मौके पर भंडारे का कराना चाहते थे आयोजन
  • जिला प्रशासन ने नहीं दी थी अनुमति
  • अनुमति न मिलने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की

प्रतापगढ़:

कुंडा के शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम के दिन मंदिर में भंडारा आयोजित करवाने के लिए पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह 'राजा भइया' के पिता उदय प्रताप सिंह को डीएम ने अनुमति नहीं दी है. इसके बाद सोमवार को उन्हें भदरी कोठी में नजरबंद कर दिया गया. शेखपुर में लगे केसरिया झंडों को हटाने की ताजियादारों की मांग को देखते हुए सीओ ने भदरी कोठी पर नोटिस चस्पा किया है. सोमवार को देर शाम डीएम मार्कंडेय शाही व एसपी अभिषेक सिंह भदरी कोठी पहुंचे. जहां उन्होंने नजरबंद किए गए उदय प्रताप सिंह से मंदिर के पास लगाए गए अधिक झंडों के बारे में पूछा.

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जिस पर उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष के लोगों ने भी तो अधिक झंडे लगाए हैं. इसे लेकर कुछ देर तक कहासुनी भी हुई. कुछ देर की कहासुनी के बाद डीएम ने उदय प्रताप सिंह को मौके पर चलने को कहा. डीएम-एसपी के साथ उदय प्रताप सिंह शेखपुर आशिक गांव पहुंचे. हनुमान मंदिर के करीब डीएम ने ताजियादारों को भी बुलाया. ताजियादारों को बुलाने पर उदय प्रताप नाराज हो गए.

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डीएम ने झंडा सीमित करने के लिए औपचारिकता पूरी करने को कहा जिस पर उन्होंने कहा कि वह किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे और न ही उनके आदमी. प्रशासन अगर एक्शन लेना चाहे तो वह एक्शन ले. इस मुद्दे पर वह इससे ज्यादा बात नहीं करेंगे. इतना कहने के बाद वह वापस भदरी कोठी चले गए.

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डीएम और एसपी कुंडा के डाक बंगले पर पहुंचे जहां डीआईजी कवींद्र प्रतापसिंह ने अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर बैठक की. आपको बता दें कि शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम के दिन हर साल उदय प्रताप सिंह प्रयागराज-लखनऊ हाईवे के किनारे स्थित हनुमान मंदिर में भंडारा करते थे. लेकिन पिछले दो साल से उनके भंडारे के आयोजन पर रोक लगी हुई है.

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इस बार भी उन्होंने जिला प्रशासन से 10 सितंबर को भंडारा और 12 सितंबर को हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए अनुमति मांगी थी. जिसे लेकर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी. अनुमति न मिलने के बाद उदय प्रताप सिंह ने 30 अगस्त को लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की. जिस पर हाईकोर्ट ने डीएम से रिपोर्ट मांगी. डीएम ने इस मामले में हाईकोर्ट को बताया था कि मुहर्रम के दिन भंडारे की अनुमति देने से शांति व्यस्था बिगड़ सकती है.