समाजवादी पार्टी के पूर्व महामंत्री कमाल फारुखी ने बीएसपी को समर्थन देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है।
इससे पहले गरीब नवाज़ फाउंडेशन, उलेमा काउंसिल, शाही इमाम अहमद बुखारी के बाद अब मुस्लिम नेता कमाल फारुखी ने बीएसपी को समर्थन देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार ने राज्य की दुर्दशा की है और मुसलमानों के लिये कुछ नहीं किया है।
फारुकी ने कहा कि मुस्लिम बुद्धिजीवी हैं और बीएसपी में शामिल नहीं हो रहे हैं और मौजूदा हालात को देखा जाए तो बीएसपी ही एक ऐसी पार्टी है जो प्रदेश के हितों की रक्षा कर सकती है।
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उन्होंने कहा, "मैं बीएसपी ज्वाइन नहीं कर रहा। मैं एक स्वतंत्र आवाज़ हूं। मुझे लगता है ऐसी आवाज़ इस वक़्त उठना बेहद जरुरी है। बीएसपी के बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है। नोट बंदी का असर दलित और मुस्लिमों पर ज्यादा पड़ा है।"
उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम और दलित एक साथ आ जाएं तो संविधान मे दिये गए अधिकारों को वो पा सकते हैं। संविधान में सबको बराबर का अधिकार दिया गया है और किसी के साथ जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने पिछले पांच साल में मुसलमानों के साथ किया गया है कि उनके वोट का कोई मूल्य न रह जाए। उन्होंने कहा कि बहन मायावती ने उनसे वादा किया है कि वो किसी भी कीमत पर बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएंगी।
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ट्रिपल तलाक पर उन्होंने कहा कि इस मसले पर उन्होंने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की आलोचना करते हुए कहा कि मामला अभी अदालत में है और ऐसे में उन्हों इस तरह का बयान नहीं देना चाहिये था।
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HIGHLIGHTS
- सपा के पूर्व महामंत्री कमाल फारुखी ने बीएसपी को समर्थन देने का किया ऐलान
- मुस्लिम-दलित एकता पर दिया ज़ोर
- कहा वो बीएसपी में शामिल नहीं हो रहे, सिर्फ समर्थन कर रहे हैं
Source : News Nation Bureau