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Rape Case:पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति दोषी करार, 12 नवंबर को होगी सजा

चित्रकूट गैंग रेप केस में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापती की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बुधवार को एमपी एमएल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उसे दो लोगों के साथ दोषी करार दिया है.

Updated on: 10 Nov 2021, 10:08 PM

highlights

  • अखिलेश सरकार में मंत्री रहे हैं गायत्री प्रसाद
  • गायत्री प्रसाद समेत अन्य दो लोगों को पाया गया है दोषी 
  • 12 नवंबर को किया जाएगा दोषियों को सजा का ऐलान 

नई दिल्ली :

चित्रकूट गैंग रेप केस में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बुधवार को एमपी एमएल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उसे दो लोगों के साथ दोषी करार दिया है. बताया गया कि अखिलेश सरकार में मंत्री गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला को गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट में दोषी पाया गया. जबकि विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह पिंटू और चंद्रपाल बरी किए गए. जानकारी के मुताबिक मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को की जाएगी. जिसमें दोषियों को सजा का ऐलान किया जाएगा. प्रजापति को दोषी पाये जाने के बाद राजनीतिक हल-चल भी तेज होने लगी है. 

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जानकारी के मुताबिक मामला आज से 4 साल पहले यानी साल 2017 का है. चित्रकूट जिले की रहने वाली एक महिला ने तत्कालीन सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति तथा उनके कई साथियों पर गैंगरेप और बेटी से ऐसी ही हरकत की कोशिश का आरोप लगाया था. जब महिला ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो गायत्री प्रजापति और उसके साथियों ने महिला और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद पीड़िता ने केस दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर 18 फरवरी 2017 को लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रजापति समेत अन्य 6 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. इसके बाद सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

कौन है गायत्री प्रसाद प्रजापति?
गायत्री प्रजापति ने सन् 1995 के आसपास समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए थे. उन्होंने अमेठी विधानसभा से 1996 और 2002 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं हासिल हुई. इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में गायत्री प्रजापति अमेठी सीट से जीत गए और फरवरी 2013 में उन्हें सिंचाई राज्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद जुलाई 2013 में मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ तो उन्हें स्वतंत्र प्रभार दे दिया गया. इसके बाद जनवरी 2014 में उन्हें खनन विभाग का कैबिनेट मंत्री बना दिया गया. गायत्री प्रजापति ने एक बार फिर 2017 में सपा के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़ा. हालांकि, बीजेपी की गरिमा सिंह के सामने उसे हार का मुंह देखना पड़ा.