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पूर्व सरकारों ने काशी पर ध्यान नहीं दिया : नीलकंठ तिवारी 

काशी को उत्तर प्रदेश देश की सांस्कृतिक मां बताते हुए नीलकंठ तिवारी ने कहा कि सरकार सभी लोगों को साथ लेकर चल रही है.

Updated on: 30 Nov 2021, 04:34 PM

वाराणसी:

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. पूर्वांचल पर बीजेपी का इस बार खासा ध्यान है. पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पूर्वांचल में कई सौगात दे चुके हैं. पूर्वांचल के मुद्दों और विकास को लेकर न्यूज स्टेट के 'दिव्य भव्य काशी कॉन्क्लेव' में आज विभिन्न पार्टी के नेता अपने विचार रख रहे हैं. समारोह में पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री नीलकंठ तिवारी ने अपने विचार रखे. काशी की परंपरा और महत्व को बताते हुए नीलकंठ तिवारी ने कहा कि काशी भारतीय संस्कृति की आत्मा है. काशी विश्व की सबसे पुरानी राजधानी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में काशी के प्रति अपना भाव प्रकट किया था. प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनको काशी मां गंगा ने बुलाया है.

पूर्व सरकारों पर आरोप लगाते हुए नीलकंठ तिवारी ने कहा कि काशी विश्व की सबसे पुरातन नगरी है.  फिर भी काशी पर कभी ध्यान ही नहीं दिया गया. काशी को गंदगी का अंबार बनाकर रखा हुआ था. 1947 के बाद सरकारों ने बापू के नाम का सहारा लिया. ये राजनीतिक दल बापू के नाम का सहारा लेते रहे.

तिवारी ने कहा कि काशी आध्यात्मिक नगरी है. काशी पूर्णता की ओर अग्रसर है. पिछली सरकारों ने काशी के लिए कुछ नहीं किया. सरकार ने काशी के हर क्षेत्र में काम किया. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर है. 2014 के बाद काशी में लोगों का आवागमन बढ़ा है.  काशी में जहाजों की संख्या बढ़ाई जा रही है. काशी से अयोध्या धाम को जोड़ने का काम पूर्णता की ओर है.

काशी को उत्तर प्रदेश देश की सांस्कृतिक मां बताते हुए नीलकंठ तिवारी ने कहा कि सरकार सभी लोगों को साथ लेकर चल रही है. महाराजा सुहेल देव के नाम की कोई चर्चा नहीं करता. योगी आदित्यनाथ सरकार ने महाराजा सुहेलदेव के जन्मस्थान का विकास कराया.

तिवारी ने कहा कि आज पर्यटन में उत्तर प्रदेश का नाम देश में पहले स्थान पर आता है. क्योटो केवल एक परिकल्पना हो सकती है. काशी को क्योटो से भी बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है.