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इतिहास में पहली बार अयोध्या में राम नवमी पर पसरा सन्नाटा, हर साल लगा रहता था भक्तों का तांता

कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन ने लोगों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. जिसकी वजह से पूरा शहर सूना पड़ा है.

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Sushil Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि अयोध्या में रामनवमी पर सन्नाटा पसरा हो. सिर्फ अयोध्या ही नहीं, देशभर में कहीं भी रामनवमी की धूम नहीं है. जिस दिन रामनवमी होती थी, उस दिन पूरे देश में त्योहार की धूम होती थी. लेकिन इस बार सिर्फ सन्नाटा पसरा है. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन ने लोगों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. जिसकी वजह से पूरा शहर सूना पड़ा है. कोरोना संकट का असर लखनऊ के मंदिरों पर भी दिखा है. रामनवमी के दिन भी मंदिरों में सन्नाटा है. पुराने लखनऊ के बड़ी काली मंदिर में रामनवमी के दिन हज़ारों की संख्या में श्रद्दालु पहंचते थे. लेकिन इस बार मंदिर के कपाट बंद हैं और एक नोटिस चस्पा कर जानकारी दी गई है कि कोरोना और सरकार के आदेश की वजह से मंदिर के कपाट अगले आदेश के लिए बन्द हैं. 

यह भी पढ़ें- PM मोदी-CM योगी की अपील का असर, लोगों ने 'कृप्या मिलने ना आएं' का लगाया बोर्ड

लॉकडाउन का अक्षरशः पालन करके देश और दुनिया को एक बड़ा संदेश दिया

लॉकडाउन की वजह से इस बार श्री राम जन्मभूमि परिसर में स्थित रामलाला विराजमान मंदिर सहित अयोध्या के सभी मंदिरों और घरों में राम जन्मोत्सव मनाया तो गया, लेकिन पूरी सादगी से. डीएसपी सिटी अरविन्द चौरसिया ने बताया कि वायरस के चलते लॉकडाउन का पालन कराने के लिए प्रशासन ने आवागमन की अनुमति नहीं दी है. अयोध्यावासी और राम भक्तों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन का अक्षरशः पालन करके देश और दुनिया को एक बड़ा संदेश दिया है. कोरोना से बचने के लिए हर कोई सावधानी बरत रहे हैं. कोई भी खतरा मोल नहीं लेना चाहते हैं. हर कोई सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं. कोई भी घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. लखनऊ में लोग अपने घरों के बाहर बोर्ड लगा रहे हैं कि कृप्या हमारे यहां मिलने ना आएं. फिर भी आप आते हैं तो नोटिस पढ़कर चले जाएं.

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