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योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली कैबिनेट बैठक 4 अप्रैल को, किसानों की कर्ज माफी के वायदे पर नजर

एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में छोटे-मझौले किसानों की संख्या करीब दो करोड़ के आसपास है। इन पर लगभग 63 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।

Updated on: 03 Apr 2017, 12:07 AM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के करीब दो हफ्ते बाद कैबिनेट की पहली बैठक का दिन तय हो गया है। यूपी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने जानकारी दी है कैबिनेट की पहली मीटिंग चार अप्रैल को शाम पांच बजे होगी।

उम्मीद की जा रही इस बैठक में कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। खासकर किसानों की कर्जमाफी पर कोई बड़ी घोषणा की जा सकती है। गौरतलब है कि यूपी चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई रैलियों में यह ऐलान किया था कि अगर बीजेपी की सरकार बनी तो कैबिनेट की पहली बैठक में ही किसानों की कर्जमाफी पर फैसला ले लिया जाएगा। माना जा रहा था कि पीएम मोदी की इसी वायदे के चलते योगी सरकार कैबिनेट की बैठक बुलाने में समय ले रही थी।

एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में छोटे-मझौले किसानों की संख्या करीब दो करोड़ के आसपास है। इन पर लगभग 63 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।

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अगर सरकार कर्जमाफी का फैसला लेती है तो यह सारा भार सरकार पर आ जाएगा। ऐसे में यह सवाल भी हैं कि इतने बड़े भार को उठाने के साथ-साथ सरकार अन्य कामों को क्या वाकई रफ्तार दे पाएगी।

जानकार मानते हैं कि यदि यूपी सरकार कर्जमाफी के फैसले पर आगे बढ़ती है तो बैंकों को भी नुकसान होगा।

वैसे, सरकार बनने के बाद से ही योगी लगातार एक्शन में नजर आर रहे हैं। अवैध बूचड़खानों पर नकेल कसने के साथ-साथ एंटी रोमियो दल के गठन और फिर गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण के जांच के आदेश ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। योगी ने सरकारी विभागों में कामकाज के दौरान पान-गुटखा खाने सहित प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक का भी फरमान जारी किया है।

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