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धर्म परिवर्तन विरोधी कानून के तहत उप्र में हुई पहली गिरफ्तारी

बरेली पुलिस ने नए धर्म-परिवर्तन विरोधी कानून के तहत पहला मामला दर्ज करने के तीन दिन बाद पहली गिरफ्तारी की है.

Updated on: 03 Dec 2020, 01:07 PM

बरेली:

उप्र में बरेली पुलिस ने नए धर्म-परिवर्तन विरोधी कानून के तहत पहला मामला दर्ज करने के तीन दिन बाद पहली गिरफ्तारी की है. 'जबरन' धर्म परिवर्तन के खिलाफ अध्यादेश लाने के कुछ घंटों बाद ओवैश अहमद (22) पर रविवार को मामला दर्ज किया गया था. अहमद पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 के तहत बरेली जिले के देवरनिया क्षेत्र में एक 20 वर्षीय विवाहित महिला को 'अपहरण की धमकी' और धर्म बदलने के लिए दबाव डालने को लेकर मामला दर्ज किया गया है.

आरोपी काफी समय से छिपा हुआ था. उसने कहा कि उसे डर था कि मुठभेड़ में उसे गोली मार दी जाएगी. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) संसार सिंह ने कहा, 'उसके मन में यह धारणा हो सकती है, लेकिन पुलिस का इरादा कभी भी ऐसा करने का नहीं था, क्योंकि वह हिस्ट्रीशीटर नहीं है.' उन्होंने आगे कहा, 'हम सिर्फ उसकी तलाश कर रहे थे और इसके लिए कई टीमों को पड़ोसी जिलों में भी तैनात किया गया था. उसे बुधवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. हम अब शिकायतकर्ता और गवाहों के बयान दर्ज करेंगे और इस मामले में जांच पूरी करेंगे.'

अहमद और महिला स्कूल के दोस्त थे. पिछले साल जब लड़की लापता हो गई थी, तो उसके परिवार ने तब भी अहमद के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. बाद में यह पता चला कि वह उसके कहने पर घर से भाग गई थी. बाद में उन्होंने कहा कि वे एक साथ रहना चाहते हैं. युवती को तब भोपाल से बरामद किया गया. वे मुंबई जाने की फिराक में थे. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कुछ महीने बाद युवती की शादी दूसरे व्यक्ति से कर दी गई, लेकिन अहमद ने महिला का पीछा करना शुरू कर दिया.

महिला के पिता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि अहमद पिछले तीन सालों से उसे डरा रहा था और धमकी दे रहा था. अहमद पर आईपीसी की धारा 504 और 506 के साथ अध्यादेश की धारा 3/5 के तहत मामला दर्ज किया गया है. अहमद ने संवाददाताओं से कहा, 'मुझे लव जिहाद कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. महिला के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है. उसकी एक साल पहले शादी हो गई है. मैं निर्दोष हूं.'