फिरोजाबाद बस दुर्घटना : सामने आया चौकाने वाला सच, साठगांठ के चलते गई 14 लोगों की जान

. दुर्घटनाग्रस्त बस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. जांच में पता चला है कि पुलिस, परिवहन व डग्गामार सिंडीकेट की साठगांठ के कारण एक झटके में 14 जिंदगियां तबाह हो गईं.

. दुर्घटनाग्रस्त बस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. जांच में पता चला है कि पुलिस, परिवहन व डग्गामार सिंडीकेट की साठगांठ के कारण एक झटके में 14 जिंदगियां तबाह हो गईं.

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yogesh bhadauriya
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फिरोजाबाद बस दुर्घटना : सामने आया चौकाने वाला सच, साठगांठ के चलते गई 14 लोगों की जान

हादसे की तस्वीर( Photo Credit : News State)

बुधवार रात लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे (Lucknow-Agra Expressway) पर फिरोजाबाद (Firozabad) के पास भदान में हुई एक भीषण सड़क दुर्घटना में 14 लोगों की मौत हो गई थी. दुर्घटनाग्रस्त बस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. जांच में पता चला है कि पुलिस, परिवहन व डग्गामार सिंडीकेट की साठगांठ के कारण एक झटके में 14 जिंदगियां तबाह हो गईं.

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क्या खुलासे सामने आए हैं :

जिस बस में सवार होकर 90 यात्री दिल्ली से बिहार जा रहे थे, वह गोरखपुर से ब्लैकलिस्ट थी. यहीं नहीं, हादसे की शिकार इस बस का सात बार चालान भी हो चुका था और टैक्स भी बकाया था. फिर भी सांठगांठ से बस डग्गामारी में सवारियां ढो रही थी. परिवहन विभाग के जिन अफसरों को इस ब्लैक लिस्ट बस को सीज करना चाहिए था, वह अपनी सरपरस्ती में इसे चलवा रहे थे. खास बात यह है कि गोरखपुर की उक्त बस तीन राज्यों बिहार, यूपी, दिल्ली के बीच सांठगांठ से फर्राटा भर रही थी.

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बस का 29 अगस्त, 2019 को पंजीयन हुआ है. यानी बस केवल पांच महीने 15 दिन पुरानी है. इस बस का एक ट्रेवल के नाम से गोरखपुर संभागीय परिवहन कार्यालय में पंजीयन है, जिस पर टैक्स भी बकाया है. बस मालिक को कई बार नोटिस भेजा गया, लेकिन इसके बाद भी टैक्स जमा न करने के कारण इसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था. इसके बावजूद तीन राज्यों की पुलिस, परिवहन अधिकारी और डग्गामार संचालकों की सांठगांठ से ये बस दिल्ली से मोतिहारी के लिए यात्रियों को सफर करा रही थी.

शासन व प्रशासन का दबाव पड़ा तो इस डग्गामार बस का चालान तो हुआ पर उसको जुर्माना सिर्फ एक हजार रुपये का ही भरना पड़ा. यह सब पुलिस और परिवहन अफसरों की सेटिंग के चलते संभव हुआ. इस बस का चालान अयोध्या, मथुरा, उन्नाव, नोएडा में हुआ. नोएडा में उसके तीन चालान हुए फिर भी उसका परिमट निरस्त करने के बजाय सवारी ढोने दिया गया. यहीं नहीं, बस का बीते साल 10 दिसंबर को 5000, 12 दिसम्बर को 16,550, 15 दिसम्बर को 18,500, 26 दिसम्बर 1100, और 19 नवंबर को 2500 रुपए का चालान हुआ था.

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि गोरखपुर की जिस अवैध बस से हादसा हुआ, उसके परमिट को निरस्त करने के निर्देश दिए गये हैं. इस बस के कई चालान भी हुए, पर कुछ का ही जुर्माना भरा है. प्रकरण की जांच कराई जा रही. दोषी लोगों पर कार्रवाई भी होगी.

Source : News State

Road Accident bus accident UP
      
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