फीवर क्लीनिक मानसून के दौरान बीमारियों के फैलने पर रखेगी नजर
योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएम और ग्राम प्रधानों को विभिन्न जल जनित और मच्छर जनित बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए.
highlights
- अधिकारियों को तराई क्षेत्र में अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है
- योगी ने कहा कि ऐसी बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए हर स्तर पर साफ-सफाई का ध्यान रखा जाना चाहिए
उत्तर प्रदेश:
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मानसून के मौसम के दौरान बीमारियों के फैलने की जांच के लिए सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष फीवर क्लीनिक स्थापित करने का निर्देश दिया है. एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से निगरानी में सुधार के लिए विशेष प्रयास करने और एन्सेफलाइटिस और मलेरिया के प्रसार को रोकने के लिए कहा है. अधिकारियों को तराई क्षेत्र में अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है. आदित्यनाथ ने यह भी कहा है कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएम और ग्राम प्रधानों को विभिन्न जल जनित और मच्छर जनित बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए हर स्तर पर साफ-सफाई का ध्यान रखा जाना चाहिए.
क्या है फीवर क्लीनिक सिस्टम?
देश के तमाम राज्यों में कोविड 19 महामारी से जूझने के लिए इस बीमारी के मरीज़ों के लिए खास अस्पताल बनाए गए. लेकिन इन अस्पतालों पर मामूली लक्षणों वाले या कोरोना जैसे लक्षणों वाले किसी और बीमारी के मरीज़ न दाखिल हों और कोरोना के मरीज़ों की पहचान भी की जा सके, इस मकसद से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते 7 अप्रैल को फीवर क्लीनिकों का सुझाव दिया था. इन क्लीनिकों में बुखार जैसे लक्षणों की जांच किए जाने के बाद कोरोना के मरीज़ों की पहचान करना आसान हुआ और गंभीर मरीज़ों को कोविड केयर सेंटरों या अस्पतालों में भेजा जा सका. महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इन क्लीनिकों ने अहम भूमिका निभाई, लेकिन कुछ राज्य इस विचार से परहेज़ करते नज़र आए.
कैसे होते हैं फीवर क्लीनिक?
हालांकि इस शब्द या विचार को अलग अलग राज्यों ने अलग ढंग से समझा और लागू किया, फिर भी मोटे तौर पर एक फीवर क्लीनिक में एक मेडिकल अफसर, एक लैब तकनीशियन और कम से कम एक स्टाफ होता है. जब मंत्रालय ने फीवर क्लीनिकों का सुझाव दिया था, तब देश में सिर्फ 4421 कुल केस थे और अब जबकि कुल केस 9 लाख के आंकड़े के करीब हैं, तब फीवर क्लीनिकों की अहमियत और बढ़ती है. दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में फीवर क्लीनिकों की क्या भूमिका रही, इस बारे में द प्रिंट ने कई विशेषज्ञों से बातचीत पर आधारित एक रिपोर्ट छापी, जिसमें कई अहम तथ्य उभरकर सामने आए.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
टीवी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी का हुआ एक्सीडेंट, होगी सीरीयस सर्जरी, काम छोड़कर हॉस्पिटल पहुंचे पति
-
Maidan BO Collection: मैदान ने बॉक्स ऑफिस पर पूरा किया एक हफ्ता, बजट की आधी कमाई भी नहीं कमा पाई फिल्म
-
Happy Birthday Arshad Warsi: मुन्ना भाई के सर्किट का जन्मदिन आज, पैप्स के साथ काटा बर्थडे केक, वीडियो हुई वायरल
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय