रामगोपाल से नहीं बनी बात, अखिलेश को मनाने मुलायम लखनऊ रवाना
समाजवादी पार्टी में चल रही आपसी कलह सुलझाने की तमाम कोशिशें जारी हैं। यादव परिवार लखनऊ में इकट्ठा हो रहा है। पार्टी और परिवार में नाराजगी इस कदर है कि मुलायम सिंह यादव को लखनऊ जाना पड़ रहा है। लखनऊ रवाना होने से पहले मुलायम सिंह यादव ने कलह की बात से इनकार करते हुए कहा पार्टी और परिवार में सब ठीक है। मुलायम ने कहा कि अगर पार्टी में किसी तरह से मतभेद है भी तो वो उसे दूर करेंगे।
नई दिल्ली:
समाजवादी पार्टी में चल रही आपसी कलह सुलझाने की तमाम कोशिशें जारी हैं। यादव परिवार लखनऊ में इकट्ठा हो रहा है। पार्टी और परिवार में नाराजगी इस कदर है कि मुलायम सिंह यादव को लखनऊ जाना पड़ रहा है। लखनऊ रवाना होने से पहले मुलायम सिंह यादव ने कलह की बात से इनकार करते हुए कहा पार्टी और परिवार में सब ठीक है। मुलायम ने कहा कि अगर पार्टी में किसी तरह से मतभेद है भी तो वो उसे दूर करेंगे।
रामगोपाल यादव की अखिलेश यादव से मुलाकात कितनी कारगर होगी ये कहना लेकिन इसकी सफलता प्रयासों के किए जा रहे है। इसी प्रयास के मद्देनज़र गुरूवार को राम गोपाल यादव ने अखिलेश से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राम गोपाल यादव ने कहा कि पार्टी में सबको मुलायम सिंह का फैसला मान्य होगा। उन्होंने कहा पार्टी में कलह बाहरी लोगों के दखल के कारण हुआ है।
अखिलेश से मुलाकात के बाद राम गोपाल यादव उन्होंने ने अमर सिंह का नाम लिये बिना निशाना साधा और कहा कि एक व्यक्ति पार्टी का नुकसान करने में लगा हुआ है। नेताजी की सरलता का फायदा उठाया जा रहा है। नेताजी को यह समझाया जा रहा है कि उनको चैलेंज किया जा रहा है।
इससे पहले सुबह सपा में कलह की खबरों के बीच समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने बड़ा बयान दिया था । रामगोपाल यादव ने कहा था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाना एक बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा, ‘सीएम को यूपी के अध्यक्ष पद से जो हटाया गया अगर उन्हें बता कर ऐसा किया जाता तो अच्छा होता। वह इस्तीफा दे देते।’ उन्होंने पार्टी में कलह की खबरों को नकारते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं और अगर है तो इसे दूर किया जाएगा ।
गौरतलब है कि चाचा-भतीजे के बीच रिश्तों में काफी समय से खटास की खबरें आ रही है जिसके कारण पार्टी में नेतृत्व को लेकर कलह मीडिया के सामने भी खुलकर आ रही थी।
पिछले दिनों शिवपाल यादव से अहम विभाग अखिलेश ने छीन लिए थे। ये फैसला अखिलेश ने तब लिय़ा था जब सपा सुप्रीमों मुलायम ने उन्हें पार्टी प्रदेश पद से हटा दिया था। जिसके बाद पार्टी में पिता- पुत्र में बर्चस्व की जंग छिड़ गई थी।
ऐसे में इस मुलाकात को पार्टी में जारी मतभेदों को दूर करने की कोशिश मानी जा रही है।
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