पढ़ाने, चुनाव कराने, सर्वे के अलावा अब महिला शिक्षक दुल्हन को भी सजाएंगी, पढ़ें योगी सरकार का नया फरमान

प्रदेश की योगी सरकार ने सिद्धार्थनगर जिले में 20 महिला शिक्षकों को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 28 जनवरी को सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान दुल्हन की शादी के लिए तैयार होने में मदद करने के लिए ड्यूटी लगाई है.

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
पढ़ाने, चुनाव कराने, सर्वे के अलावा अब महिला शिक्षक दुल्हन को भी सजाएंगी, पढ़ें योगी सरकार का नया फरमान

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

समाज में शिक्षकों का स्थान बहुत ही ऊंचा होता है. शिक्षक देश का भविष्य होता है. शिक्षक राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन राज्य सरकार शिक्षक से क्या-क्या नहीं करवाती है. प्रदेश में जितने भी चुनाव होते हैं उसमें ड्यूटी लगाती है. चुनाव से पहले वोटर कार्ड बनवाना हो तो वहां भी भेज देती है. कोई सर्वे करवाना हो तो वहां भी भेजने से परहेज नहीं करती है. ये बात और है कि शिक्षक का काम सिर्फ पढ़ाना होता है. शिक्षक से क्या करवाना है यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है.

Advertisment

आपने भी इससे पहले यही सुना होगा, लेकिन उत्तर प्रदेश में शिक्षकों को एक और काम दे दिया गया है. उत्तर प्रदेश में महिला शिक्षक अब दुल्हन को शादी के लिए तैयार करेंगी. उसको संजाएंगी. बिल्कुल सही पढ़ा आपने! प्रदेश की योगी सरकार ने सिद्धार्थनगर जिले में 20 महिला शिक्षकों को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 28 जनवरी को सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान दुल्हन की शादी के लिए तैयार होने में मदद करने के लिए ड्यूटी लगाई है.सिद्धार्थनगर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में जितनी शादियां होंगी, उनमें दुल्हन को महिला शिक्षक सजाएंगी.

यह भी पढ़ें- महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान सुनीता चंद्रा का निधन, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जताया दुख

हालांकि, कोर्ट ने इससे पहले कहा था कि शिक्षकों को पठन-पाठन के कामों के अलावा दूसरे कामों से बिल्कुल दूर रखें. शिक्षकों का काम सिर्फ बच्चों को पढ़ाना है. उनको किसी और काम में नहीं घसीटना चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा था कि विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्य में न लगाई जाए. कोर्ट ने इस मामले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई एक्ट) की धारा 27 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है. शिक्षकों से बीएलओ का काम लिए जाने के खिलाफ याचिका निस्तारित करते हुए कोर्ट ने याचियों को संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शिक्षकों का प्रत्यावेदन नियमानुसार निस्तारित करें और आरटीआई एक्ट के प्रावधानों से इतर कोई काम उनसे न लिया जाए.

यह भी पढ़ें- हरदीप सिंह पुरी ने एयर इंडिया को लेकर दी बड़ी जानकारी, विनिवेश के लिए होगी ये प्रक्रिया

अनुराग सिंह और 17 अन्य की याचिकाओं पर जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की थी. याचिका में कहा गया था कि परिषद और प्रदेश के अधिकारी उनसे ड्यूटी बीएलओ और अन्य तरह के गैर शैक्षिक कार्य ले रहे हैं. जबकि अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 और इस संबंध में बनी नियमावली के नियम 21(3) में साफ प्रावधान है कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिए जा सकते हैं. कोर्ट ने याचियों को निर्देश दिया है कि वह अपनी शिकायत संबंधित जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के समक्ष रखें और अधिकारी उस पर आरटीआई एक्ट की धारा 27 के प्रावधानों के मद्देनजर निर्णय लें.

Mass Wedding Scheme Teachers Yogi Adityanath Chief minister Brides
      
Advertisment