कर्ज देने के लिए बैंक कर्मचारी मांग रहे थे घूस, युवक ने की आत्महत्या

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आगे बढ़ाने के लिए बेरोजगारों की खातिर स्वरोजगार की चाहे जितनी भी योजनाएं चलाएं लेकिन सरकारी सिस्टम उनकी उम्मीद पर पानी फेरने के लिए जैसे तैयार बैठा रहता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आगे बढ़ाने के लिए बेरोजगारों की खातिर स्वरोजगार की चाहे जितनी भी योजनाएं चलाएं लेकिन सरकारी सिस्टम उनकी उम्मीद पर पानी फेरने के लिए जैसे तैयार बैठा रहता है.

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Yogendra Mishra
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आगे बढ़ाने के लिए बेरोजगारों की खातिर स्वरोजगार की चाहे जितनी भी योजनाएं चलाएं लेकिन सरकारी सिस्टम उनकी उम्मीद पर पानी फेरने के लिए जैसे तैयार बैठा रहता है. एक तो वैसे ही सरकारी बैंकों की छवि बहुत अच्छी नहीं है उस पर लगातार निगेटिव खबरें उनकी छवि खराब ही करती हैं. योजनाओं के प्रारूप को देखकर तो ऐसा लगता है जैसे बैंकों से ऋण लेना बहुत आसाना है. लेकिन जब कोई बेरोजगार युवक स्वरोजगार के लिए लोन लेने जाता है तो उसे दफ्तरों के इतने चक्कर लगवाए जाते हैं कि अंत में वह हार मान जाता है.

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दफतरों के चक्कर इस लिए लगवाए जाते हैं कि किसी तरह खर्चा पानी (घूस) मिल सके. फर्रुखाबाद में भी एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है. जहां बैंक के चक्कर लगा-लगाकर युवक परेशान हो गया. थक हार कर वह इतना निराश हुआ कि उसने आत्महत्या कर ली. मामला शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के नारायणपुर आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की है. जहां अधिकारियों की रिश्वतखोरी से तंग आकर मनीष उर्फ मनु शर्मा ने फांसी लगाकर जान दे दी. मनु (25) फर्रुखाहाद के पपियारपुर गांव का रहने वाला था.

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मनु ने मंगलवार की रात को विजाधर पुर निवासी पंडित जी के बाग में एक पेड़ में प्लास्टिक की रस्सी से फांसी लगा ली. जानकारी के मुताबिक मनीष चार भाइयों में दूसरे नंबर पर था. मनु ने सरकारी योजना के तहत 5 लाख के ऋण के लिए आवेदन किया था. उसकी पत्रावली ग्रामीण बैंक नारायनपुर में विचाराधीन है.

मनु ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो बनाया. जिसमें उसने आरोप लगाया कि पूर्व मैनेजर ने उससे रिश्वत के नाम पर 40 हजार रुपये की मांग की थी. वहीं जब नया मैनेजर आया तो उसने 50 हजार रुपये की मांग की. बैंक अधिकारियों की वजह से वह आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है. परेशान युवक ने दर्जनों लोगों से सिफारिश भी करवाई थी.

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लेकिन मजाल है कि बैंक के अधिकारी उसे लोन बिना घूस दे दें. उसने कहा कि सरकार गरीबों के लिए योजनाएं चला रही हैं और स्थानीय अधिकारी अपनी जेबें भरने के लिए गरीबों को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं. मृतक ने बैंक ऑफ इंडिया से स्वरोजगार प्रशिक्षण योजना का डिप्लोमा भी किया था. जिसके आधार पर उसका पांच लाख रुपये का लोन स्वीकृत हुआ था.

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मनु ने वीडियो में यह भी कहा कि वह चाहता था कि मैनेजर उसका कर्जा मंजूर कर लें. बाद में वह उसी में से घूस दे देगा. मृतक ने अपने वीडियो में सभी बैंककर्मियों को दोषी बनाया है. इस मामले में क्या कोई कार्रवाई हो पाएगी या नहीं. यह आने वाला वक्त ही बताएगा.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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