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किसान और प्रशासन के बीच हुआ समझौता, जानें क्या-क्या मांगे मानी गईं

एडीजी (लॉए एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कल लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी दिया जाएगा.

Updated on: 04 Oct 2021, 01:59 PM

highlights

  • किसान संगठन और प्रशासन के बीच समझौता
  • मृतक के परिजनों को 45-45 लाख का मुआवजा और नौकरी
  • 8 से 10 दिन के भीतर की जाएगी कार्रवाई 

नई दिल्ली :

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ((Lakhimpur Kheri Incident) ) में सोमवार को किसानों और प्रशासन के बीच एक समझौता हुआ है. लखीमपुर खीरी हिंसा की न्यायिक जांच होगी. मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर जस्टिस की निगरानी में की जाएगी.वहीं मृतक के परिवारवालों को 45-45 लाख रुपए मुआवाजा का ऐलान किया गया है. वहीं झड़प में जख्मी लोगों को 10 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी.  किसान नेता राकेश टिकैत और एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने समझौता के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. 

एडीजी (लॉए एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कल लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी दिया जाएगा. घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके साथ ही किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे.

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लखीमपुर खीरी में राजनेताओं के जाने को लेकर एडीजी ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा नहीं करने दिया गया है. लेकिन किसान संगठनों के सदस्यों को यहां आने की अनुमति होगी.

'समझौते के अंदर नहीं हुई कार्रवाई तो पंचायत किया जाएगा'

राकेश टिकैत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहली बात हुई है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का नाम एफआईआर में दर्ज हुआ है, 10-11 दिन का जो समय प्रशासन ने मांगा है अगर उसके अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो हम पंचायत करेंगे. हम किसानों को दाह संस्कार होने तक यही रहेंगे. उन्होंने बताया पांच डॉक्टरों की निगरानी में पोस्टमार्टम होगा. जिसका वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी.

'इंटरनेट चलने पर और आएंगे वीडियो'

किसान नेता ऩे आगे कहा कि अभी इंटरनेट नहीं चल रहा है इसलिए हमें बहुत सारी वीडियो सबूत नहीं मिले है. लेकिन जैसे ही इंटरनेट चलेगा, आपके पास कोई वीडियो है तो वह हमें जरूर भेजें.

ये है पूरी घटना 

बता दें कि कृषि कानूनों पर विरोध-प्रदर्शन (Protest Against Farm Laws) के दौरान लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Incident) में रविवार (9 सितंबर) को जमकर खूनी संघर्ष हुआ और फायरिंग व आगजनी में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई. किसानों ने आरोप लगाया है कि किसान आंदोलन के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष और उसके समर्थकों ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी. जिसमें चार किसान की मौत हो गई. वहीं कई लोग जख्मी हो गए. जिसके बाद नाराज किसान ने आशीष और उसके समर्थकों की तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. ड्राइवर को पीट-पीट कर मार डाला.