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मुआवजे के लिए दर्ज कराया गैंगरेप का झूठा मुकदमा, सच्चाई खुली तो...

गाजियाबाद में मुआवजे के लिए गैंगरेप का झूठा मुकदमा दर्ज किए जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है.

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Kuldeep Singh
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मुआवजे के लिए दर्ज कराया गैंगरेप का झूठा मुकदमा, सच्चाई खुली तो...

मुआवजे के लिए दर्ज कराया गैंगरेप का झूठा मुकदमा, सच्चाई खुली तो...( Photo Credit : फाइल फोटो)

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गाजियाबाद (Ghaziabad) में गैंगरेप का झूठा मुकदमा लिखाने के आरोप में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. इन पर सरकारी मुआवजे के लिए गैंगरेप (Gangrape) का झूठा मुकदमा (Fake Case) दर्ज कराने का आरोप है. पुलिस दोनों महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की तैयारी कर रही है. पुलिस को जानकारी मिली थी कि डासना टोल के पास एक महिला बेहोशी की हालत में पड़ी हुई है. पुलिस ने उसे संजय नगर जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है.

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पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह सुबह ड्यूटी पर हापुड़ गई थी. वापस मसूरी आने के लिए हापुड़ से एक वाहन पर सवार हुई. महिला ने बताया कि रास्ते में वाहन चालक और उसके एक साथी ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया. गैंगरेप के बाद आरोपी उसे छजारसी टोल पार कर डासना फ्लाईओवर के पास फेंककर भाग गए.

मेडिकल जांच कराने से किया मना
एसपी सुधार कुमार सिंह ने मामले की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी. महिला ने मेडिकल जांच में अपने अंदरूनी जांच के लिए डॉक्टर से मना कर दिया. इससे पुलिस को उस पर शक हुआ. पूछताछ में वह घर से जाने और वापस लौटने के अलावा घटना का समय भी बदल बदल कर बताने लगी. इसी दौरान अस्पताल में एक अन्य संदिग्ध महिला दिखी, जिससे पुलिस ने पूछताछ की और अस्पताल आने का कारण पूछा. पूछताछ में उसने बताया कि उसका नाम रेशमा है और वह और पीड़ित महिला दोनों गाजियाबाद, मसूरी में होली क्रास अस्पताल के पास एक ही मकान में रहती हैं. उसने बताया कि दोनों को ही उनके पतियों ने छोड़ दिया है और पैसे के लिए देह व्यापार करती हैं.

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सरकार से मुआवजे के लिए बनाई गैंगरेप की झूठी कहानी
महिलाओं ने पुलिस को बताया कि कई दिनों से उनके पास कोई काम नहीं आया था. उन्होंने सुना था कि सरकार गैंगरेप की पीड़ित महिलाओं को मुआवजा दे रही है. ऐसे में उसने गैंगरेप की झूठी कहानी लिखा दी. योजना के तहत बाबूगढ़ से एक दूध के छोटा हाथी (वाहन) में लिफ्ट लेकर डासना पहुंचीं. इसके बाद शहजादी कपड़े फाड़कर फ्लाईओवर के पास बेहोशी का बहाना बनाकर ले गई. रेशमा ने बताया कि उसने इस दौरान एक शख्स के मोबाइल से 112 नंबर पर डायल किया और पुलिस बुला ली.

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मोबाइल लोकेशन से हकीकत आई सामने
मामले की जांच करते हुए पुलिस ने जब मोबाइल की सीडीआर निकलवाई तो सच्चाई सामने आ गई. लोकेशन के आधार पर पुलिस को पूरी कहानी फर्जी मिली. पुलिस ने जब शहजादी से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. पुलिस ने दोनों आरोपी महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी कर ली है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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