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Video: उत्तर प्रदेश के इटावा में एबुंलेस नहीं मिलने पर 15 साल के बेटे का शव कंधे पर लाद कर ले गया मजदूर

उत्तरप्रदेश के इटावा जिले में एक पिता को अपने बेटे का शव कंधे पर रखकर जाना पड़ा।

Updated on: 03 May 2017, 12:20 AM

highlights

  • इटावा के सरकारी अस्पताल में मजदूर को नहीं मिली बेटे का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस
  •   बेटे का शव कंधे पर रखकर अस्पताल से निकला, बाद में किसी की मदद से बाइक पर ले गया 

ऩई दिल्ली:

एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हो गई। उत्तरप्रदेश के इटावा जिले में एक पिता को अपने बेटे का शव कंधे पर रखकर जाना पड़ा। अस्पताल ने शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई जो गरीबों के लिए फ्री है।

जानकारी के मुताबिक बेटे के पैरों के दर्द के इलाज के लिए उदवीर उसे इटावा के जिला अस्पताल लाया था। उदयवीर का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टरों ने उसके बेटे का इलाज नहीं किया। डॉक्टरों ने उसे बिना देखे ही मृत घोषित कर दिया और उसे अस्पताल से ले जाने के लिए कह दिया। 

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उदयवीर ने बताया कि उसके बाद वह बेटे के शव को कंधे पर रखकर अस्पताल परिसर से बाहर निकल आया और एम्बुलेंस व शव वाहन के लिए चिल्लाता रहा लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। उदयवीर का गांव अस्पताल से सात किलोमीटर दूर था लेकिन बेटे को कंधे पर लाद कर वह गांव के लिए चल पड़ा। 

उदयवीर ने कहा, 'किसी ने मुझे नहीं बताया कि मैं अपने बेटे के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस का हकदार हूं या नहीं।' जब वह अस्पताल से बेटे के शव को कंधे पर लेकर बाहर निकला तो किसी ने मोबाइल पर इसका वीडियो बना लिया था। उदयवीर बेटे के शव को बाइक से घर लेकर गए। 

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वहीं सीएमओ डॉ राजीव कुमार यादव का कहना है कि दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएमएस डॉ. अशोक पालीवाल का कहना है कि डॉक्टर ने बच्चे को देखा था वह पहले ही मर चुका था। इसके बाद पिता उसको लेकर चला गया उसने किसी से एम्बुलेंस या शव वाहन के लिए नहीं कहा।